इस राज्य में शहीद सैनिकों के माता-पिता को मिलेगी ये खास पहचान
राजस्थान का सैनिक कल्याण विभाग शहीदों के माता-पिता को पहचान पत्र जारी करेगा। सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में यह निर्णय किया गया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
जयपुर: राजस्थान का सैनिक कल्याण विभाग शहीदों के माता-पिता को पहचान पत्र जारी करेगा। सैनिक कल्याण बोर्ड की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया।
सरकारी बयान के अनुसार, राज्यपाल कलराज मिश्र की पहल पर सैनिक कल्याण विभाग द्वारा अब शहीद माता को 'वीर माता' और शहीद पिता को 'वीर पिता' पहचान पत्र जारी किया जाएगा। इसी तरह शहीद सैनिकों और गैलेंट्री अवार्ड से अलंकृत सैनिकों के नाम से विद्यालयों या सार्वजनिक स्थलों के नामकरण की नीति में सरलीकरण किया जाएगा।
राज्यपाल मिश्र ने इस संबंध में प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण करने के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित कर कार्यवाही किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
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मिश्र की अध्यक्षता में राजभवन में बृहस्पतिवार को सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में यह निर्णय किए गए। बैठक में मिश्र ने पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन किए जाने के भी निर्देश दिए।
मिश्र ने कहा कि शहीदों के परिजनों और पूर्व सैनिकों को समाज में समुचित सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीदों के आश्रितों की सामाजिक, पारिवारिक एवं आर्थिक समस्याओं का समाधान करने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सैनिक कल्याण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और उन्हें प्रदान की जा रही सुविधाओं के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए ताकि इनका अधिकाधिक लाभ पूर्व सैनिक और उनके परिजन ले सकें।
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सैनिक कल्याण विभाग मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व सैनिकों और शहीदों के आश्रितों के कल्याण के लिए महती कार्य किए हैं। उन्होंने शहीद आश्रितों को भूमि आवंटन के लम्बित प्रकरणों के निस्तारण के लिए विशेष प्रयास किए जाने पर जोर दिया।
राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह जसोल ने कहा कि केन्द्रीय पुलिस बलों से सेवानिवृत्त कार्मिकों की समस्याओं के समाधान के लिए भी विशेष तौर से प्रयास किया जाना चाहिए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि प्रशासन द्वारा आमजन की परिवेदनाओं, समस्याओं की सुनवाई एवं त्वरित समाधान के लिये त्रिस्तरीय जनसुनवाई व्यवस्था की गई है।