निचलौल थानेदार निर्भय सिंह की खुली पोल, डीएम-एसपी के दौरे की सूचना पर बदली थाने की सूरत

शिवेन्द्र चतुर्वेदी/शुभम खरवार

चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी लाख निर्देश दें लेकिन जिले के पुलिस वाले सुधर नहीं सकते। बड़ा सवाल है कि क्या जब डीएम और एसपी थाना समाधान दिवस में पहुंचेगे तभी थानेदार अपनी जिम्मेदारी निभायेंगे अन्यथा खानापूर्ति कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेंगे।



निचलौल (महराजगंज): पुराने कप्तान की आंखों के तारे रहे निचलौल सरीखे कामधेनू थाने के थानेदार निर्भय कुमार सिंह की पोल शनिवार को खुल गयी।

शासन के निर्देश पर लगने वाला थाना समाधान दिवस निचलौल थाने में सुबह से मजाक बनकर रह गया था। कहीं कोई तैयारी नहीं लेकिन जैसे ही थानेदार को पता लगा कि डीएम और एसपी आने वाले हैं, अचानक थाने का माहौल बदला जाने लगा।

डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने अपने औचक निरीक्षण में पाया कि डीएम-एसपी के पहुंचने के पहले तक यानि शनिवार को 11.30 बजे तक सब कुछ आम था। 

जिलाधिकारी और कप्तान के आने से 20 मिनट पहले उपस्थिति रजिस्टर पर पुलिस वालों ने अपने हस्ताक्षर बनाये। जिलाधिकारी और एसपी के आने से पहले थाने पर जबरदस्त दुर्व्यवस्था का आलम था जिसे आनन-फानन में छिपाने और सब कुछ अच्छा दिखाने की कोशिश की गयी।

निर्भय कुमार सिंह पुराने कप्तान के कितने खास थे इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साहब के हर गोपनीय काम को ये खुद अंजाम दिया करते थे। पेट्रो डॉलर वाले धमकमाऊ श्यामदेउरवा थाने की कमान इन्होंने लंबे समय तक मजबूती से थामे रखी।

पुराने कप्तान के जिगर के टुकड़े निर्भय एक भी दिन बिना थाने के नहीं रहे। वो भी थाने ऐसे जो जिले के सबसे रसूखदार और कमाईदार।

श्यामदेउरवा के थानेदार से लेकर नेपाल सीमा के सबसे बड़े केन्द्र यानि सीमावर्ती थाने सोनौली के थानेदार पुराने कप्तान ने इनको बना रखा था। इसके बाद भी जब निर्भय का मन नहीं भरा तो इन्हें निचलौल जैसे भारी भरकम थाने का थानेदार बना दिया गया।

जहां जिले में एक से एक काबिल इंस्पेक्टर खाली बैठे हैं वहीं निर्भय का जुगाड़ जमकर बोल रहा है। ये जहां रहे, जमकर विवादित रहे।










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