सम-विषम वाहन योजना : दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने विचार-विमर्श के लिए बैठक बुलाई

डीएन ब्यूरो

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राष्ट्रीय राजधानी में तीव्र वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए 13 नवंबर से 20 नवंबर तक लागू होने वाली सम-विषम वाहन योजना के संबंध में उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए बुधवार को एक अत्यावश्यक बैठक बुलाई है। पढ़ें पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने बैठक बुलाई
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने बैठक बुलाई


नयी दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राष्ट्रीय राजधानी में तीव्र वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए 13 नवंबर से 20 नवंबर तक लागू होने वाली सम-विषम वाहन योजना के संबंध में उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए बुधवार को एक अत्यावश्यक बैठक बुलाई है।

एक अधिकारी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था को लागू करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक दोपहर 12 बजे होगी, जिसमें परिवहन विभाग, राजस्व विभाग और अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

वर्ष 2016 में शुरू की गई सम-विषम वाहन योजना में वाहनों को उनकी विषम या सम नंबर प्लेट के आधार पर वैकल्पिक दिनों में चलाने की अनुमति होती है। जब से दिल्ली सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इस योजना का उपयोग शुरू किया है उसके बाद से अगले सप्ताह चौथी बार इस योजना को लागू करने का ऐलान किया गया है।

राष्ट्रीय राजधानी में लगातार खराब होती वायु गुणवत्ता के बीच मंत्री ने सोमवार को इस योजना की घोषणा की थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार की योजना की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया और कहा कि यह ‘‘दिखाने के लिए’’ लागू की जा रही है।

दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण को कम करने से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार के वकील से पूछा कि क्या सम-विषम योजना तब सफल हुई थी जब इसे पहले लागू किया गया था।

न्यायालय ने कहा, ‘‘यह सब दिखाने के लिए किया गया है, यही दिक्कत है।’’

अदालत की यह टिप्पणी दिल्ली सरकार द्वारा दिवाली के एक दिन बाद 13 नवंबर से कार के लिए सम-विषम योजना लागू करने के फैसले की घोषणा करने के एक दिन बाद आयी। दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ने की आशंका है।










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