तमिलनाडु हिंसा: पसंद के चिकित्सक को पोस्टमार्टम टीम में शामिल करने का अनुरोध शीर्ष अदालत ने ठुकराया

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु की एक मृत छात्रा का नये सिरे से पोस्टमार्टम करने वाले विशेषज्ञों के दल में अपनी पसंद के एक चिकित्सक को शामिल करने का मृतका के पिता का अनुरोध मंगलवार को ठुकरा दिया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

उच्चतम न्यायालय
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु की एक मृत छात्रा का नये सिरे से पोस्टमार्टम करने वाले विशेषज्ञों के दल में अपनी पसंद के एक चिकित्सक को शामिल करने का मृतका के पिता का अनुरोध मंगलवार को ठुकरा दिया।

याचिकाकर्ता की बेटी एक निजी आवासीय स्कूल में मृत पाई गई थी और मद्रास उच्च न्यायालय ने बालिका का नये सिरे से पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया है।

तमिलनाडु के कल्लाकुरिची से करीब 15 किलोमीटर दूर चिन्नासेलम के कनियामूर इलाके में एक निजी आवासीय स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 17-वर्षीया लड़की 13 जुलाई को छात्रावास परिसर में मृत मिली थी।

मद्रास उच्च न्यायालय ने राज्य के पुलिस प्रमुख को छात्रा की मौत के बाद दंगा करने वाले लोगों की पहचान करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने तथा कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही छात्रा के शव का पुन: पोस्टमॉर्टम कराने का भी आदेश दिया था। हालांकि, अदालत ने पुन: पोस्टमॉर्टम के लिए पसंद के चिकित्सक को विशेषज्ञों के दल का हिस्सा बनाने के छात्रा के पिता का अनुरोध खारिज कर दिया था।

इसके बाद लड़की के पिता ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था और अपनी याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध भी किया था।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, ‘‘पुन: पोस्टमॉर्टम के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाएं, क्योंकि वह आज होना है।’’

प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, ‘‘पोस्टमार्टम करने के लिए उच्च न्यायालय ने एक दल का गठन किया है। क्या आपको उच्च न्यायालय पर भरोसा नहीं है?’’

शीर्ष अदालत, हालांकि, उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई करने को सहमत हो गई। (भाषा)










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