कंटेनर कॉरपोरेशन के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया चलाने पर एनसीएलएटी की रोक

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (कॉनकॉर) के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने पर रोक लगा दी है।

एनसीएलएटी (फाइल)
एनसीएलएटी (फाइल)


नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (कॉनकॉर) के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने पर रोक लगा दी है।

कंटेनर कॉरपोरेशन के खिलाफ कर्ज समाधान प्रक्रिया शुरू करने का 12 जुलाई को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने आदेश दिया था। यह निर्णय परिचालक कर्जदाता रोडविंग्स इंटरनेशनल की तरफ से दायर अर्जी पर आया था।

हालांकि, कॉनकॉर ने इस आदेश को फौरन ही एनसीएलएटी में चुनौती दे दी जहां से उसे राहत मिल गई है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने दिवाला कार्यवाही शुरू करने के आदेश पर रोक लगा दी है।

इसके साथ ही एनसीएलएटी ने दिवाला कार्यवाही के संचालन के लिए नियुक्त समाधान पेशेवर और कर्जदाता कंपनी रोडविंग्स इंटरनेशनल को नोटिस भी जारी किया। उन्हें एक हफ्ते के भीतर इसका जवाब देना होगा। मामले की अगली सुनवाई चार सितंबर को होगी।

यह मामला एक मध्यस्थता निर्णय से जुड़ा हुआ है। कॉनकॉर ने मशीनों के रखरखाव एवं परिचालन के साथ उनके उत्पादन एवं आपूर्ति के लिए निविदा जारी की थी जिसमें रोडविंग्स इंटरनेशनल को विजेता बोलीकर्ता घोषित किया गया था।

दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के बाद कुछ मतभेद पैदा हो गए और निर्धारित शर्तों के मुताबिक मामला मध्यस्थता में चला गया। मध्यस्थता अधिकरण ने एक जून, 2022 को रोडविंग्स के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उसे 81.36 करोड़ रुपये चुकाने का निर्देश कॉनकॉर को दिया था।

कॉनकॉर ने यह राशि देने से इनकार करते हुए इसे दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती देने की जानकारी दी। इसके बाद रोडविंग्स इंटरनेशनल ने एनसीएलटी से दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी मांगी।

 










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