एनसीबी ने देश में एलएसडी की ‘सबसे बड़ी’ खेप जब्त की, छह लोग गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने मंगलवार को कहा कि उसने देश में लगभग 15,000 एलएसडी ब्लॉट्स की ‘‘अब तक की सबसे बड़ी’’ खेप जब्त की है और ‘डार्क नेट’ के जरिए संचालित मादक पदार्थों की तस्करी के एक गिरोह का भंडाफोड़ करने के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार (फाइल)
गिरफ्तार (फाइल)


नई दिल्ली: स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने मंगलवार को कहा कि उसने देश में लगभग 15,000 एलएसडी ब्लॉट्स की ‘‘अब तक की सबसे बड़ी’’ खेप जब्त की है और ‘डार्क नेट’ के जरिए संचालित मादक पदार्थों की तस्करी के एक गिरोह का भंडाफोड़ करने के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया है।

अधिकारियों के अनुसार जब्त की गई खेप (लगभग पांच हजार से सात हजार रुपये प्रति ब्लॉट) की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 10 करोड़ रुपये से अधिक है। यह अभियान पिछले महीने के अंत में शुरू किया गया था। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वे छात्र और युवा हैं जो गोपनीय इंटरनेट-आधारित ऐप और डब्ल्यूआईसीकेआर जैसी मैसेंजर सेवा के जरिए अपनी पहचान छिपाकर ‘‘आसानी से पैसा’’ बनाना चाहते थे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस उपलब्धि पर मादक पदार्थ रोधी संघीय एजेंसी को बधाई देते हुए कहा कि यह साइबर सतर्कता और मानव खुफिया के बीच बड़े समन्वय को दर्शाता है और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नशा मुक्त भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

एलएसडी या लिसर्जिक एसिड डाइथिलेमाइड वास्तव में सिंथेटिक रसायन आधारित एक मादक पदार्थ है तथा इसे मतिभ्रमकारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसे स्टाम्प पेपर के आधे आकार के ब्लॉट्स पर पेंट कर इसकी तस्करी की जाती है और इसे चाट या निगल कर खाया जाता है।

एनसीबी के उप महानिदेशक (उत्तरी रेंज) ज्ञानेश्वर सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह देश में किसी अभियान में एलएसडी ब्लॉट्स की जब्त की गयी ‘‘सबसे बड़ी खेप’’ है। अब तक छह युवाओं को गिरफ्तार किया गया है और हम ऐसे ही एक और गिरोह का पता लगा रहे हैं।’’

अधिकारियों ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोग 25-28 वर्ष की आयु के हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि सफलता ‘‘साइबर सतर्कता और मानव खुफिया के बड़े महान समन्वय का परिणाम है...क्योंकि इन मादक पदार्थों का व्यापार करने के लिए डार्कनेट और क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया जाता था।’’

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गृह मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘गहन सतर्कता और बेहतर समन्वय के कारण पिछले कुछ वर्षों में भारत में मादक पदार्थों की जब्ती में तेजी से वृद्धि हुई है।’’

सिंह ने कहा कि करीब दो सप्ताह के अभियान के तहत कुल 14,961 ब्लॉट्स जब्त किए गए और ये ब्लॉट्स ‘‘गैमागोब्लिन एंड होली स्पिरिट ऑफ असुर’’ ब्रांड के हैं।

उन्होंने बताया कि अभी तक कर्नाटक पुलिस ने 2021 में एलएसडी के सबसे अधिक 5,000 ब्लॉट्स जब्त किए थे और इसी तरह कोलकाता पुलिस ने 2022 में एक अभियान में इतनी ही मात्रा में ब्लॉट्स जब्त किए।

उन्होंने बताया कि एलएसडी का सबसे अधिक दुरुपयोग युवा कर रहे हैं और इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। अधिकारियों के अनुसार, एलएसडी को मादक पदार्थों के बीच ‘एसिड’ के रूप में जाना जाता है और यह गंधहीन, रंगहीन और स्वादहीन होता है।

एनएसबी के एक अधिकारी ने कहा कि 0.1 ग्राम एलएसडी (लगभग छह ब्लॉट) की बरामदगी से व्यक्ति के खिलाफ मादक पदार्थ पर रोकथाम संबंधी एनडीपीएस कानून के तहत सख्त कार्रवाई हो सकती है।

एनसीबी के उप महानिदेशक सिंह ने कहा कि लगभग 15,000 एलएसडी ब्लॉट की नवीनतम जब्ती व्यावसायिक मात्रा का 2,500 गुना है। उन्होंने कहा कि जब्त एलएसडी पोलैंड और नीदरलैंड से मंगवाया गया था और यह गिरोह क्रिप्टोकरंसी और यूपीआई के माध्यम से भुगतान करके विभिन्न राज्यों में इसकी तस्करी कर रहा था। इसे कोरियर और डाक नेटवर्क के माध्यम से भेजा जाता था।

अधिकारियों ने कहा कि एनसीबी क्रिप्टो फंड्स पर भी रोक लगाने की कोशिश कर रहा है। सिंह ने कहा, ‘‘हमारे द्वारा पकड़े गए आपूर्तिकर्ताओं और उपभोक्ताओं के बीच निजी बातचीत का रिकॉर्ड नहीं मिला और वे डार्कनेट पर संपर्क में थे।’’

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उन्होंने कहा कि कई घंटों तक डार्कनेट पर ‘‘गश्त’’ करने के बाद एनसीबी की दिल्ली जोनल इकाई की एक विशेष टीम ने कार्रवाई की।

‘डार्क नेट’ का मतलब इंटरनेट में गहराई में छिपे उन मंचों से है जिनका इस्तेमाल मादक पदार्थों को बेचने, पोर्नोग्राफी सामग्री के आदान-प्रदान और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जाता है। इंटरनेट पर संचार में गोपनीयता बनाए रखने के लिए ‘अॅनियन राउटर’ की मदद से इन गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां इन्हें पकड़ न पाएं।

उप महानिदेशक ने कहा कि एलएसडी ब्लाट्स के अलावा 2.32 किलोग्राम गांजा और 4.65 लाख रुपये नकदी के अलावा बैंक में 20 लाख रुपये की जमा राशि जब्त की गई है।

सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए ज्यादातर लोग छात्र और युवा हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एक छात्र गोवा का है जो नोएडा के एक निजी विश्वविद्यालय में पढ़ता है, दूसरा दिल्ली का लड़का है जो इनमें से कुछ ब्लॉट्स को कश्मीर भेजने की कोशिश कर रहा था और एक लड़की है, जिसे एनसीआर से गिरफ्तार किया गया।’’ उन्होंने कहा कि जयपुर स्थित एक आपूर्तिकर्ता और केरल के एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है।

इसी तरह के एक डार्कनेट-आधारित ड्रग्स तस्करी रैकेट का एजेंसी ने 2021 में भंडाफोड़ कर 40 लोगों को गिरफ्तार किया था।

 










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