नवरात्रि स्पेशल: मां कात्यायनी की पूजा से शत्रुओं का होगा विनाश

आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है। मां दुर्गा के नौ रूपों में छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। सच्चे मन से मां की अराधना से शत्रुओं का नाश होता है और मन से हर प्रकार का डर दूर हो जाता है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 26 September 2017, 11:55 AM IST
google-preferred

नई दिल्ली: आज शारदीय नवरात्री का छठा  दिन है। मां दुर्गा के नौ रूपों में छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था। इसलिए इन्हें मां कात्यायनी कहा जाता है। मां कात्यायनी का वाहन सिंह हैं। इनकी चार भुजाएं हैं। इनके बांए हाथ में कमल और तलवार है। दाहिने हाथ में स्वस्तिक और आशीर्वाद की मुद्रा अंकित है।

सच्चे मन से मां की अराधना करने पर शत्रुओं का नाश होता है और मन से हर प्रकार का डर दूर हो जाता है। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं।

ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं, गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी। महिषासुर का वध करने वाली मां कात्यायनी ही हैं।  ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के छठे दिन पूजा करने वाले का मन 'आज्ञा चक्र' में रहता है। योग में इस चक्र का महत्वपूर्ण स्थान है। इस दिन ध्यान का प्रयास करने से भक्त को आसानी से माता कात्यायनी के दर्शन हो सकते हैं। विवाह की इच्छा या परिवार में सुख-शांति के लिए देवी पूजा सफल होती है।

मां कात्यायनी की उपासना का मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम
इस श्लोक का अर्थ है- हे मां! सर्वत्र विराजमान और शक्ति -रूपिणी प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है।

डाइनामाइट न्यूज़ के पाठक शारदीय नवरात्र के पावन पर्व (21 से 29 सितंबर तक) पर हर रोज मां दुर्गा के नौ रूपों से संबंधित कहानियां, पूजा-अर्चना के विधि-विधान, नवरात्र से जुड़ी जुड़ी धार्मिक, आध्यात्मिक कथा-कहानियों की श्रृंखला विशेष कालमनवरात्र स्पेशल में पढ़ सकते हैं। आप हमारी वेबसाइट भी देख सकते हैं DNHindi.com

No related posts found.