

शारदीय नवरात्र की शुरुआत बुधवार यानि 10 अक्टूबर से होगी। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौं रूपों की पूजा-अराधना की जाती है। डाइनामाइट न्यूज़ के इस रिपोर्ट में जानें शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना की विधि और नियम…
नई दिल्ली: शारदीय नवरात्रि 10 अक्टूबर से शुरू हो रहा है जो 18 अक्टूबर तक चलेगा। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौं रूपों की पूजा-अराधना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के नौ रूपों के में से शैली पुत्री देवी की पूजा की जाती है। यह दिन सभी नौ दिनों में से सबसे खास होता है। इस दिन घटस्थापना की जाती है जिसे विशेष शुभ मुहूर्त के अनुसार स्थापित किया जाता है।
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बुधवार को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:36 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक है। लेकिन दोपहर 12 बजे के बाद राहू काल लगने से 12 बजे तक ही कलश स्थापना करने का अभिजित मुहूर्त माना जा रहा है।
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जानें कैसे करे कलश स्थापना
नवरात्रि में कलश स्थापना करने से पहले उस स्थान को सही तरीके से धो ले, जहां घटस्थापना करना है उस जगह पर नया लाल कपड़ा बिछाकर उसपर अक्षत और कुमकुम मिलाकर डाले। अब भिगें हुए जौ को रखे। कलश स्थापना के लिए मिट्टी, तांबे या सोने का पात्र लें। पानी के कलश पर आम के पांच पत्ते रखें और मौली बांध पर कलश पर स्वास्तिक बनाएं। साथ ही इस पर पानी वाली नारियल रखें। कलश में साबुत सुपारी, फूल, इत्र और पंचरत्न व सिक्का डालें। मंदिर में जोत जलाएं और आसान पर बैठ जाएं और हाथ जोड़कर पूजा-अर्चना करे।
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