जानिये, नवरात्रि पर दिल्ली के इन 6 मंदिरों में जब मां भक्तों पर बरसाती है अनूठी कृपा

डीएन ब्यूरो

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है, देशभर में मां के भक्त जोर-शोर से तैयारियों में जुटे हुए हैं। अब बात मंदिरों की हो रही हैं तो भला दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर स्थित मां के प्राचीन मंदिरों को कौन भूल सकता है। डाइनामाइट न्यूज़ की विशेष रिपोर्ट में जानिये, दिल्ली स्थित मां दुर्गा के 6 प्रमुख प्राचीन मंदिरों के बारे में

मां काली की प्रतीमा (फाइल फोटो)
मां काली की प्रतीमा (फाइल फोटो)


नई दिल्लीः भारतभर में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। इस बार शारदीय नवरात्रि 10 अक्टूबर से शुरू होकर 19 अक्टूबर तक चलेंगे। नवरात्रि में मां के भक्त विशेषतौर पर दुर्गा मां के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। भारत में वैसे तो हर राज्य में नवरात्रि बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। लेकिन देश की राजधानी में नवरात्रि के दिनों में एक अलग ही छटा देखने को मिलती है। यहां के प्राचीन व सुप्रसिद्ध मंदिरों में भक्त मां के आशीर्वाद के लिए हर बार काफी तादाद में जुटते हैं। 
डाइनामाइट न्यूज़ की इस विशेष रिपोर्ट में जानिये दिल्ली के वे छह सुप्रसिद्ध मां के मंदिर जहां नवरात्रि में दिखता हैं भक्ति का संगम :       

 

 

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नेहरू प्लेस स्थित मां कालकाजी मंदिर (फाइल फोटो)

 

1. कालकाजी मंदिरः दिल्ली के नेहरू प्लेस के पास स्थित कालकाजी मंदिर भक्ति का एक अनूठी मिसाल पेश करता है। यह भारत में सबसे अधिक भ्रमण किए जाने वाले प्राचीन मंदिरों में से एक हैं। नवरात्रि का महीना चल रहा हो और यहां भक्तों का तांता न लगे ऐसा हो ही नहीं सकता। मां दुर्गा के अवतार देवी काली का अवतार मां काली साक्षात यहां वास करती है। इस मंदिर को मनोकामना सिद्ध पीठ के नाम से भी जाना जाता है। 

कहा जाता है कि मंदिर को ईटों की चिनाई कर बनाया गया था लेकिन बदले समय व भक्तों की अटूट आस्था से अब यह मंदिर संगमरमर से सजा है और यहां चारों ओर से पिरामिड के आकार वाले स्तंभ लगे हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि को लेकर मंदिर में विशेष तैयारियां की गई है। मंदिर को दुल्हन ही तरह सजाया गया है।   

 

झण्डेवालान माता मंदिर (फाइल फोटो)

 

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2. झण्डेवालान माता मंदिरः दिल्ली के प्राचीन मंदिरों की बात हो रही हो तो भला मां झंडेवाली के दर पर कौन मुराद मांगने नहीं आएगा। बात अगर नवरात्रि के लिए यहां तैयारियों की करें तो बता दें कि देशभर में स्थित मां के मंदिरों में झण्डेवालान माता का मंदिर बेहद की दुर्लभ और भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। 

इस बार शारदीय नवरात्रि पर मंदिर को विशेषतौर पर सजाया जा रहा है। यह मंदिर झंडेवालान मेट्रो स्टेशन से चंद दूरी पर है। भक्तों की यहां लगने वाली भारी भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली पुलिस पहले से ही अलर्ट हो जाती है।         

 

 

छतरपुर स्थित मां कात्यायनी मंदिर (फाइल फोटो)

 

3. देवी कात्यायनी मंदिर छतरपुरः दक्षिण दिल्ली के छतरपुर स्थित मां कात्यायनी का यह मंदिर भारत का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर परिसर है। यहां मां दुर्गा का छठां स्वरूप देवी मां कात्यायनी साक्षात वास करती है। बताया जाता है कि मंदिर को देवी दुर्गा मां के एक उत्साही भक्त स्वामी नागपाल ने बनवाया था। 

चारों तरफ से घने पेड़-पौधों से घिरा यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है। मंदिर में दक्षिण भारतीय वास्तुकला की झलक नजर आती है। लगभग 70 एकड़ भूमि में फैला यह मंदिर अपनी विशेष कलाकृति के लिए भी देशभर में विख्यात है। मंदिर के अंदर लगभग 20 छोटे-बड़े मंदिर भी है जो तीन विभिन्न परिसरों में बने हुए हैं।   

 

दिल्ली-गुड़गांव स्थित मां शीतला मंदिर (फाइल फोटो)

 

4. शीतला माता मंदिरः कहा जाता है कि दिल्ली के पास गुड़गांव में स्थित शीतला माता मंदिर में आने वाले भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटते। यहां नवरात्रि पर मंदिर में एक खास मेले का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर में दुर्गा मां का स्वरूप बेहद ही अद्भुत है। सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों से यहां भक्त अपनी मनोकामना लेकर आते हैं जिसे शीतला मां जरूर पूरा करती है।    

 

प्रीत विहार स्थित गुफा वाला मंदिर (फाइल फोटो)

 

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5. गुफा वाला मंदिरः पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार स्थित माता का यह मंदिर, गुफा वाला मंदिर के नाम से विख्यात है। इस मंदिर की खासियत यह हैं कि यहां भक्तों को मां के कई अवतारों के दर्शन होतें है। यहां चिंतपूर्णी, मां कात्यायनी, मां संतोषी, मां लक्ष्मी और मां ज्वाला जी की मूर्तियां स्थापित हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1987 में शुरू हुआ था और यह 1994 में बनकर तैयार हुआ था।    

 

महरौली स्थित योगमाया मंदिर (फाइल फोटो

 

6. योगमाया मंदिरः दिल्ली में सिर्फ ये पांच मंदिर ही नहीं बल्कि महरौली के कुतुब कॉम्पलेक्स के पास बना योगमाया मंदिर जिसे जोगमाया के नाम से भी जाना जाता है मां के प्राचीन मंदिरों में से एक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मंदिर को लेकर कहा जाता है कि यह महाभारतकालीन मंदिर है। यहां जो भी भक्त मन्नत लेकर पहुंचते हैं मां देवी योगमाया उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करती है।  

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