National Democratic Alliance: बिहार की राजग सरकार घबराये विपक्षियों के गलत इरादों को परास्त कर विश्वास मत हासिल करेगी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक प्रमुख सहयोगी एवं कैबिनेट मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बुधवार को दावा किया कि राज्य में नवगठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ‘‘घबराये विपक्षी नेताओं के गलत इरादों’’ को परास्त कर विश्वास मत हासिल कर लेगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 7 February 2024, 12:24 PM IST
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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक प्रमुख सहयोगी एवं कैबिनेट मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बुधवार को दावा किया कि राज्य में नवगठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ‘‘घबराये विपक्षी नेताओं के गलत इरादों’’ को परास्त कर विश्वास मत हासिल कर लेगी।

बिहार में राजग सरकार 12 फरवरी को विश्वास मत साबित करने का प्रयास करेगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राजग सरकार आसानी से विश्वास मत हासिल कर लेगी। यह बहुत आसान है... हमारे(राजग) पास बहुमत है।’’

मुख्यमंत्री के सबसे विश्वासपात्र माने जाने वाले चौधरी ने कहा, ‘‘राजग से घबराये वे लोग (विपक्षी नेता) विश्वास मत के बारे में अफवाहें फैला रहे हैं। उनके इरादे गलत हैं। मैं यह कह रहा हूं कि राज्य में राजग सरकार निश्चित तौर पर विश्वास मत हासिल कर लेगी।’’

चौधरी 1982 से बिहार विधानसभा के सदस्य रहे हैं और वर्तमान में संसदीय मामलों सहित छह विभागों का प्रभार उनके पास है।

उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा के पटल पर विश्वास मत साबित करना मुख्यत: संख्या का एक खेल है... और हमारे पास पर्याप्त संख्या है। जो लोग ‘खेला’ (खेल) के बारे में बात कर रहे हैं उनके पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है... उनके दावे फर्जी और भ्रामक हैं।’’

नवगठित राजग सरकार 12 फरवरी को विश्वास मत साबित करने का प्रयास करेगी और उसी दिन से विधानसभा का बजट सत्र भी शुरू होगा।

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के पास भाजपा-जद(यू) गठबंधन के समर्थन वाले 128 विधायक हैं और 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है।

जद(यू) के राजग में शामिल जाने के बाद महागठबंधन के विधायकों की संख्या 114 रह गई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का एक सदस्य गठबंधन का समर्थन नहीं करता है।