दिल्ली..एनसीआर में वायु गुणवत्ता ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंची
देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में शनिवार को आसमान में दमघोंटू धुंध की घनी चादर छायी रही और वायु की गुणवत्ता खतरनाक ‘‘गंभीर श्रेणी’’ में पहुंच गई। इसके बाद ईपीसीए ने ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति’ घोषित कर दी।
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में शनिवार को आसमान में दमघोंटू धुंध की घनी चादर छायी रही और वायु की गुणवत्ता खतरनाक ‘‘गंभीर श्रेणी’’ में पहुंच गई। इसके बाद ईपीसीए ने ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति’ घोषित कर दी।
शहर में धुंध और घनी होने के बाद लोग मास्क लगाकर बाहर निकलते देखे गए जबकि बहुत से लोग घरों के भीतर ही रहे। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली एनसीआर में सभी निर्माण गतिविधियों पर पांच नवम्बर तक रोक लगा दी है।
ईपीसीए ने इसके साथ ही ठंड के मौसम में पटाखे छोड़ने पर भी रोक लगा दी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष जनवरी के बाद पहली बार शुक्रवार सुबह एक्यूआई ‘बेहद गंभीर’ या ‘आपात’ श्रेणी में पहुंच गया। आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, एक्यूआई तड़के साढ़े तीन बजे 504 था। एक्यूआई 0-50 को ‘‘अच्छी’’ श्रेणी का माना जाता है। 51-100 को ‘‘संतोषजनक’’, 101-200 को ‘‘मध्यम’’, 201-300 को ‘‘खराब’’, 301-400 को ‘‘अत्यंत खराब’’, 401-500 को ‘‘गंभीर’’ और 500 से ऊपर एक्यूआई को ‘‘बेहद गंभीर एवं आपात’’ श्रेणी का माना जाता है।
Thick smog continues to affect visibility in Delhi; visuals of Humayun’s Tomb. pic.twitter.com/GaFIb6tgba
— ANI (@ANI) November 2, 2019
अधिकारी ने कहा कि यदि वायु गुणवत्ता 48 घंटे से अधिक अवधि तक ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में बनी रहती है तो ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत आपात उपाय किए जाते हैं जिसमें कारों के लिए सम-विषम योजना लागू करना, ट्रकों के प्रवेश और निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाना और स्कूल बंद करना आदि शामिल होते हैं।
सरकारी एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि दिल्ली में करीब 46 प्रतिशत प्रदूषण पड़ोसी पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से हुआ है जो कि इस वर्ष सबसे अधिक है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को एक ‘‘गैस चैंबर’’ जैसा करार दिया और कहा कि जीआरएपी के तहत उनकी सरकार ने सभी स्कूलों को पांच नवम्बर तक बंद करने का निर्णय किया है। सम..विषम योजना चार नवम्बर से एक पखवाड़े के लिए लागू होगी। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का उल्लेख करते हुए बच्चों को जारी एक संदेश में कहा, ‘‘कृपया कैप्टन अंकल और खट्टर अंकल को पत्र लिखें और कहें ‘कृपया हमारी सेहत का ध्यान रखे’।’’
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मुख्यमंत्री ने ईपीसीए अध्यक्ष भूरे लाल से मुलाकात भी की और उन्हें जीआरएपी लागू करने के बारे में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया।
लाल ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के सचिवों को एक पत्र लिखकर चेतावनी दी।
Air Quality Index (AQI) at 451, in 'severe' category in Noida. pic.twitter.com/WL5UF4aIMw
— ANI UP (@ANINewsUP) November 2, 2019
उन्होंने लिखा, ‘‘दिल्ली और एनसीआर की वायु गुणवत्ता बीती रात और खराब हो गयी तथा अब वह अत्यधिक गंभीर स्तर पर है। हमें इसे जनस्वास्थ्य के लिये आपात स्थिति के तौर पर लेना होगा क्योंकि इसका सभी पर, खासकर बच्चों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।’’
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में दिल्ली, फरीदाबाद, गुरूग्राम, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में निर्माण गतिविधियां, हॉट-मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर पांच नवंबर तक बंद रहेंगे।
इससे पहले ईपीसीए ने निर्माण गतिविधियों पर दो नवम्बर तक शाम छह बजे से सुबह 10 बजे के बीच की अवधि के लिए रोक लगायी थी। अब कोई भी निर्माण कार्य दिन के समय भी नहीं होगा। ईपीसीए ने निर्देश दिया कि फरीदाबाद, गुरूग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, बहादुरगढ़ और भिवाडी जैसे स्थानों पर सभी कोयला एवं अन्य ईंधन आधारित उद्योग जिन्होंने प्राकृतिक गैस या कृषि अपशिष्ट नहीं अपनाया है वे पांच नवम्बर तक बंद रहेंगे। उसने कहा कि दिल्ली में जिन उद्योगों ने पाइप प्राकृतिक गैस नहीं अपनायी है वे इस अवधि के दौरान बंद रहेंगे। ईपीसीए ने इसके साथ ही स्कूलों से कहा कि वे खुले में होने वाली सभी गतिविधियों और खेलों को पांच नवम्बर तक रोक दें।
लाल ने कहा, ‘‘लोगों को सलाह दी गई है कि वे खुले में तब तक व्यायाम नहीं करें जब तक प्रदूषण स्तर कम नहीं हो जाता और बच्चों, वृद्धों और कमजोर लोगों का विशेष ध्यान रखा जाए।’’
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Ghaziabad: Locals exercise wearing masks in Indirapuram. A public health emergency has been declared in the Delhi-NCR region due to rising pollution. Air Quality Index (AQI) in Indirapuram is at 449, in 'severe' category'. pic.twitter.com/bu1iBSLbc4
— ANI UP (@ANINewsUP) November 2, 2019
वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में सांस लेने में दिक्कत वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई। एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘‘अस्पताल में ऐसे मरीज आ रहे हैं जिन्हें आंखों से पानी आने, कफ, सांस लेने में दिक्कत, एलर्जी, अस्थमा बढ़ने जैसी दिक्कतें हैं।’’
उन्होंने कहा कि बच्चों और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग सबसे अधिक प्रभावित हैं।
गुलेरिया ने बताया कि वातावरण में प्रदूषक तत्व बढ़ने से फेफड़े प्रभावित होने के साथ ही धमनियां सख्त हो सकती हैं जिससे ऐसे व्यक्तियों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है जिन्हें इससे जुड़ी परेशानी पहले से है। प्रदूषण के खतरनाक स्तर के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने सुबह की सैर और अन्य गतिविधियां छोड़ दी हैं। दिलशाद कालोनी के एक निवासी ने कहा कि वह दौड़ने और अन्य गतिविधियों के लिए यमुना स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स जाते हैं लेकिन वह अभी सुबह की सैर नहीं कर रहे हैं और इसके बजाय घर के भीतर ही रहते हैं।
दिल्ली स्थित सभी 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों ने शुक्रवार की सुबह दिल्ली का एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया। (भाषा)