

निसर्ग चक्रवात आखिरकार मुंबई से गुजर गया लेकिन कुछ समय के लिये यहां के लोगों को तूफान ने भारी परेशानियों में डाले रखा। देखिये, किन संकटों को देकर गुजरा निसर्ग चक्रवात..
मुंबई: निसर्ग चक्रवात आखिरकार मुंबई से गुजर गया लेकिन इसने कुछ समय के लिये यहां जन-जीवन को बुरी तरह संकट में डाले रखा। चारों तरफ लोगों में दहशत और अफरा-तफरी देखी गयी। लोग भयभीत होकर सुरक्षित जगहों पर भी सहमें हुए दिखे।
निसर्ग चक्रवात ने मुंबई और आसपास के कुछ क्षेत्रों में भारी नुकसान भी पहुंचाया। तूफान के कारण जगह-जगह पेड और होर्डिंग्स गिरकर सड़कों पर आ गयी। पेड़ गिरने के कई गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गयी। अभी तक जान माल के किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। एनडीआरएफ, डिजास्टर मैनेजममेंट और स्थानीय पुलिस चारों तरफ तैनात नजर आयी।
निसर्ग के कारण मुंबई में कई सारे पेड़ उखड़ गए, कहीं टीन की छतें उड़ी तो कही बाइकें खिलौनो की तरह पलट गईं। कई कारें पेड़ के नीचे आकर क्षितग्रस्त हो गयी।
मुंबई में समुद्र के किनारे रहने वाले करीब 40,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 8 यूनिट्स और नेवी की 5 यूनिट्स को शहर के विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के कुछ इलाकों में निसर्ग चक्रवात की वजह मोबाइल सेवाएं बाधित हो गयी।
चक्रवात निसर्ग अब तक जिन-जिन जगहों से होकर गुजरा है, वहां इसने काफी कहर बरपाया है। रत्नागिरी, अलीबाग आदि क्षेत्रों में कई पेड़ जमीदोज हो चुके है। अलीबाग में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। कई जगह पेड़ उखड़कर गिर पड़े। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
यह तूफान 129 सालों बाद आने वाला सबसे भयंकर तूफान था। मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान की रफ्तार एक बार 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच चुकी थी। प्रशासन द्वारा 40 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। चक्रवात निसर्ग के खतरे के खिलाफ एनडीआरएफ की कई टीमें तैनात कर दी गयी।