एटाः शहीद इंस्पेक्टर के पैतृक गांव तरगंवा में अंतिम संस्कार के लिए उमड़ा लोगों का हुजूम
बुलंदशहर में गोकशी को लेकर भड़की हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के पैतृक गांव तरगंवा में उनके अंतिम संस्कार के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है। यहां हजारों की तादाद में लोग उनके बहादुरी के किस्से सुना रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
एटाः बुलंदशहर में गोकशी को लेकर भड़की हिंसा में पत्थरबाजी और फायरिंग के बीच शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के पैतृक गांव तरगंवा में अंतिम संस्कार की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। यहां शहीद के अंतिम संस्कार के लिए न सिर्फ बल्कि उनके गांव बल्कि आस-पास के गांवों से हजारों लोग अपने इस जाबांज को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़े है। गोकशी को लेकर भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर के शहीद होने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
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शहीद इन्स्पेक्टर की बहन सुनीता सिंह ने डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से इस बारे में पूछने पर कहा कि उनके भाई को शहीद का दर्जा दिया जाए और गांव में ही सरकार उनके जाबांज भाई का शहीद स्मारक बनाए। सुनीता ने गांव में सरकार की तरफ से कोई भी बड़े नेता व प्रतिनिधि के नहीं पहुंचने पर रोष व्यक्त किया है। शहीद इंस्पेक्टर की बहन ने बताया उनके परिवार से उनका भाई ही नहीं बल्कि उनके पिता रामप्रताप सिंह भी पुलिस में दरोगा थे।
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चाचा राम अवतार सिंह ने शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या को साजिश करार दिया उन्होंने कहा कि उनका भतीजा अखलाक हत्याकांड में जांच अधिकारी था इसलिए इस मामले में गहनता से जांच होनी चाहिए। उनके चाचा ने कहा कि उनके जाबाज भतीजे की हत्या की गई है। गांव तरगंवा,एटा के जैथरा ब्लॉक में शहीद के गांव में हजारों नम आंखें अपने इस जाबांज इंस्पेक्टर को अंतिम विदाई देने के लिए गमगीन है।
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वहीं हर कोई शहीद के बहादुरी के किस्से अपने-अपने शब्दों में बयां कर रहा है। अंतिम विदाई के लिये फिलहाल क्षेत्रीय विधायक सत्यपाल सिंह राठौर, नगर पंचायत जैथरा के चैयरमैन विजेंद्र सिंह चौहान व भारी संख्या मैं क्षेत्रीय लोग मौके पर मौजूद है।