IOCLअफसर मंजूनाथ हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रहा बंदी जेल से रिहा, जानिये यूपी का ये पूरा मामला
इंडियन आयल कॉरपोरेशन के अधिकारी मंजूनाथ की हत्या के मामले में लखीमपुर खीरी जिला जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक सजायाफ्ता बंदी को अच्छे चाल-चलन और आचरण के कारण जेल से रिहा कर दिया गया।
लखीमपुर खीरी: इंडियन आयल कॉरपोरेशन के अधिकारी मंजूनाथ की हत्या के मामले में लखीमपुर खीरी जिला जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक सजायाफ्ता बंदी को अच्छे चाल-चलन और आचरण के कारण जेल से रिहा कर दिया गया।
लखीमपुर खीरी जिला जेल के जेलर पंकज कुमार सिंह ने शनिवार को ‘पीटीआई/भाषा’ को बताया, ''मंजूनाथ हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे शिवकेश गिरी उर्फ लल्ला को 16 साल से अधिक की सजा काट चुकने के बाद उसके अच्छे चाल-चलन और व्यवहार के कारण आठ जनवरी को जिला जेल से रिहा कर दिया गया।''
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आईआईएम लखनऊ के पूर्व छात्र और कर्नाटक निवासी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के एक्जीक्यूटिव एस मंजूनाथ (27) की 19 नवंबर, 2005 को लखीमपुर खीरी के गोला इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके पहले उन्होंने नकली ईंधन बेचने के लिए पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी थी।
मंजूनाथ की हत्या के मामले में पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। मामले की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसएम आब्दी की अदालत में हुई। अदालत ने मुख्य आरोपी पवन उर्फ मोनू मित्तल को फांसी की सजा और बाकी सात आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
इसके बाद आरोपियों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने 12 दिसंबर, 2009 को मुख्य आरोपी पवन उर्फ मोनू मित्तल की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया और आरोपी हरीश मिश्रा और संजय अवस्थी को बरी कर दिया था।
दोषी पाए गए अन्य पांच आरोपी शिवकेश गिरी उर्फ लल्ला, विवेक शर्मा, देवेश अग्निहोत्री, राकेश व राजेश वर्मा की उम्र कैद की सजा बरकरार रखी थी। गोला निवासी शिवकेश गिरि उर्फ लल्ला समेत दो आरोपी जिला कारागार लखीमपुर में सजा भुगत रहे, जिनमें अच्छे आचरण के लिए शिवकेश को रिहा कर दिया गया।