Maldives: मालदीव के महाभियोजक पर सरेराह हमला, दो व्यक्ति गिरफ्तार
मालदीव के महाभियोजक पर एक दिन पहले हुए हमले के सिलसिले में बृहस्पतिवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
माले: मालदीव के महाभियोजक पर एक दिन पहले हुए हमले के सिलसिले में बृहस्पतिवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस घटना के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ था।
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महाभियोजक हुसैन शमीम बुधवार सुबह माले शहर की एक सड़क पर टहल रहे थे, तभी मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों ने उन पर हथौड़े से हमला किया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार समाचार पोर्टल ‘सन डॉट एमवी’ के मुताबिक, पुलिस आयुक्त अली शुजाउ ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि हमले के दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन उनके बारे में कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया।
शुजाउ ने कहा, ‘‘प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि हमला पूर्व-नियोजित था।’’ उन्होंने कहा कि संदिग्धों ने अपने चेहरे ढके हुए थे। शुजाउ ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने बताया, हमने अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया और अब उनकी पहचान कर ली है और उन्हें हिरासत में ले लिया है।’’
बुधवार शाम एडीके अस्पताल में इलाज कराने के बाद शमीम ने फेसबुक पर अपनी एक तस्वीर पोस्ट की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करने के लिए लोगों का आभार जताया।
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हमले के बाद मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (एमएनडीएफ) ने शमीम की सुरक्षा कड़ी कर दी है।
महाभियोजक पर हमले के बाद, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने कहा कि यह ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ घटना थी। इस पर गृह मंत्री अली इहुसन ने सोलिह को अपने दावे के समर्थन में जानकारी साझा करने के लिए कहा है।
सबसे बड़े विपक्षी दल, मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के नेता सोलिह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राजनीति से प्रेरित हिंसा के कृत्यों का लोकतांत्रिक समाज में कोई स्थान नहीं है और मैं अपराधियों को अदालत के कठघरे में लाने के लिए सरकार से त्वरित कार्रवाई करने का आह्वान करता हूं।’’
शमीम पर हमले की निंदा करते हुए एमडीपी ने एक बयान में कहा, ‘‘शीर्ष अधिकारियों और आपराधिक गिरोहों के बीच कथित सांठगांठ के परिणामस्वरूप देश के सरकारी अधिकारियों पर खुले हिंसक हमले हो रहे हैं।’’
एमडीपी ने राष्ट्रपति मुइज्जू के प्रशासन पर संवैधानिक कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करने वाले अधिकारियों को उपयुक्त सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने का आरोप लगाया।