कालियागंज में 17 वर्षीय किशोरी की मौत के मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में 17 वर्षीय एक किशोरी की मौत के मामले की जांच में राज्य पुलिस पर गंभीर चूक का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जल्द इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपेंगे।

कालियागंज हिंसा को लेकर पुलिस पर उठे सवाल
कालियागंज हिंसा को लेकर पुलिस पर उठे सवाल


कालियागंज (पश्चिम बंगाल): राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में 17 वर्षीय एक किशोरी की मौत के मामले की जांच में राज्य पुलिस पर गंभीर चूक का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जल्द इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपेंगे।

किशोरी का शव गत शुक्रवार को एक नहर में मिला था, जिसके बाद कालियागंज इलाके में हिंसा भड़क गई थी और तभी से यहां तनाव व्याप्त है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक कानूनगो ने आरोप लगाया कि कालियागंज का दौरा करने वाले एनसीपीसीआर के दल को राज्य प्रशासन से ‘‘हर प्रकार का असहयोग’’ झेलना पड़ा।

पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इन आरोपों को ‘‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’’ बताते हुए खारिज किया है।

कानूनगो ने कहा, ‘‘मैं दिल्ली लौटने के बाद गृह मंत्री अमित शाह को रिपोर्ट सौंपने वाला हूं। लड़की की मौत के मामले की जांच में रायगंज पुलिस ने गंभीर चूक की है। मुझे आशंका है कि पुलिस की शिथिलता के कारण सबूतों से छेड़छाड़ हो सकते हैं। मेरा मानना है कि (मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी की सरकार दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है।’’

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उन्होंने दावा किया कि उन्हें मामले के जांच अधिकारी से मिलने के लिए करीब 22 घंटे इंतजार करना पड़ा।

कानूनगो ने कहा, ‘‘मैं पोस्टमॉर्टम के दौरान मौजूद केवल एक चिकित्सक से ही बात कर सका, जबकि अन्य चिकित्सकों को कोलकाता भेज दिया गया।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस लड़की की मौत को आत्महत्या के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है, लेकिन इस पर यकीन करना काफी मुश्किल है कि यह आत्महत्या का मामला है।

कानूनगो ने कहा, ‘‘मैंने उसकी अंक तालिका देखी है और उसके परिवार से बात की है। वह बहुत होनहार छात्रा थी। इस बात पर भरोसा करना बहुत मुश्किल है कि उसने आत्महत्या की।’’

पुलिस ने बताया कि उसने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और लड़की के परिवार की शिकायत पर एक व्यक्ति और उसके पिता को गिरफ्तार किया है।

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गौरतलब है कि लड़की के लापता होने के एक दिन बाद गत शुक्रवार को उसका शव नहर में मिला था, जिसके बाद इलाके में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। प्रदर्शनकारी भीड़ ने दुकानों को आग लगा दी थी और पुलिस पर पथराव किया था।

पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डब्ल्यूबीसीपीसीआर) ने कानूनगो के आरोपों को खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि वह ‘‘मामले का राजनीतिकरण’’ करने का प्रयास कर रहे हैं।

डब्ल्यूबीसीपीसीआर की अध्यक्ष अनन्या चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘कानूनगो राजनीतिक मकसद से यहां आए हैं। उनके आरोप बिल्कुल निराधार हैं। वह मामले का राजनीतिकरण करने और पीड़ित परिवार को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।’’










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