महाराष्ट्र विस सत्र: विपक्षी नेताओं ने किसानों के मुद्दों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की

डीएन ब्यूरो

महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर किसानों के मुद्दों, कपास के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), प्याज की उचित कीमतों तथा कृषि ऋण माफी संबंधी मांगों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी
राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी


नागपुर, आठ दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर किसानों के मुद्दों, कपास के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), प्याज की उचित कीमतों तथा कृषि ऋण माफी संबंधी मांगों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया।

विपक्षी दलों के विधायकों ने यहां विधान भवन की सीढ़ियों पर खड़े होकर महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने पत्रकारों से कहा, “बेमौसम बरसात के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गई। बारिश के कारण फसल के भीगने से कपास उत्पादक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार को कपास उत्पादकों को उच्च पारिश्रमिक दिलाना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें मौजूदा संकट से कुछ राहत मिल सकती है।”

कपास से बनी मालाएं हाथ में लिए हुए, महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के वरिष्ठ नेता इस प्रदर्शन में शामिल हुए।

एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का शरद पवार नीत गुट और कांग्रेस शामिल हैं।

उन्होंने कपास के लिए 14,000 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सोयाबीन के लिए उच्च एमएसपी की मांग की।

विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि वे सरकार की ‘किसान विरोधी नीतियों’ के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, ''हम कपास, सोयाबीन और प्याज के लिए उचित कीमतों की मांग करते हैं।''

भाषा साजन वैभव

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