महराजगंज: स्कूल बने व्यवसाय के अड्डे, शिक्षा के नाम पर चल रही दुकान, अभिभावकों पर किताब-कापियां और स्कूली सामग्री खरीदने का भारी दबाव, देखिये स्पेशल रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

शिक्षा के मंदिर जब व्यवसाय के अड्डे बन जाएं तो स्कूलों से भरोसा उठना स्वाभाविक है। जनपद में कुछ स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर उनके स्कूल से ही किताब-कापियां और स्कूली सामग्री खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है, जिससे अभिभावक परेशान हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट



महराजगंज: स्कूल जब व्यवसाय के अड्डे बन जाएं तो स्थिति क्या होगी, इसे आसानी से समझा सकता है। अभिभावकों ने जनपद के कुछ स्कूलों पर इसी तरह के आरोप लगाये हैं। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल संचालत उन पर उनके स्कूल से ही किताब-कापियां और स्कूली सामग्री खऱीदने का दबाव बना रहे हैं, जबकि सरकार द्वारा ये सब मुफ्त में दिया जा रहा है।  

ताजा मामला बृजमनगंज के जीएस नेशनल पब्लिक स्कूल का है। जीएस नेशनल पब्लिक स्कूल से जुड़े अभिभावको का कहना है कि स्कूल में संचालकों द्वारा मनमानी की जा रही है, जिससे उनका अभिभावकों का आए दिन शोषण होता है। अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय कैंपस के अंदर ही उन्हें सारी स्कूली सामग्री लेने के लिए विवश किया जाता है।

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में अभिभावकों ने कहा कि स्कूल द्वारा कैंपस के अंदर ही छात्रों के लिये किताब-कापियां, ड्रेस सहित अन्य सामग्री लेने के लिये उन पर दबाव बनाया जाता है। स्कूल की मनमानी का आलम यह है कि उक्त स्कूल की किताबें मार्केट में कहीं भी उपलब्ध नहीं है, जिससे अभिभावकों को थक-हारकर स्कूल परिसर में ही स्कूली सामग्री लेने को मजबूर होना पड़ता है।

अभिभावकों ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए तमाम नियम और आदेश जारी किये हुए हैं। अभिभावकों को किसी प्रकार की समस्या ना हो, इसके लिये भी सरकार द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं। सरकार का आदेश है कि विद्यालय कैंपस के अंदर किताबें कापियां नहीं बिकनी चाहिए। किसी भी विद्यालय द्वारा किसी भी अभिभावक को किसी भी सामग्री के लिए विवश नहीं किया जा सकता।

अभिभावकों का कहना है कि सरकार के इन सख्त नियमों के बावजूद भी  बृजमनगंज के जीएस नेशनल पब्लिक स्कूल के संचालक द्वारा सरकारी निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। स्कूल मनमाने तरीके से विद्यालय कैंपस के अंदर ही किताब-कापियां, स्कूली ड्रेस बेच रहा है और इसके लिये अभिभावकों को विवश भी कर रहा है।

अभिभावकों का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं न कही जिम्मेदारों की मिलीभगत से विद्यालय कैंपस के अंदर शिक्षा की दुकानें चलाई जा रही हैं।
 










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