महराजगंज: गैरकानूनी जीवनदायिनी अस्पताल के खिलाफ बड़ा एक्शन, संचालक समेत सभी नर्सिंग स्टाफ गिरफ्तार, भेजे गये जेल

डीएन ब्यूरो

गैर कानूनी तरीके से चल रहे फरेंदा के जीवनदायिनी हॉस्पिटल के खिलाफ पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। डॉक्टर व संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने संचालक समेत सभी नर्सिंग स्टाफ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पढिये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी


फरेंदा (महराजगंज): फरेंदा के जीवनदायिनी हॉस्पिटल के खिलाफ पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। डॉक्टर व संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के एक दिन बाद बाद पुलिस ने अस्पताल के संचालक समेत सभी नर्सिंग स्टाफ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह अस्पताल गैर-कानूनी तरीके से चल रहा था। गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों ने अस्पताल के संचालन के लिये स्वास्थ्य विभाग से किसी तरह की अनुमति और लाइसेंस नहीं लिया था। 

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डाइनामाइट न्यूज ने अवैध तरीके से संचालित हो रहे इस अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई से पहले भी बड़ा खुलासा किया था। बता दें किये पिछले हफ्ते इस अस्पताल में एक प्रसूता के नवजात की मौत हो गई थी। नवजात की मौत को लेकर हॉस्पिटल के डॉक्टर व संचालक पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगा था। अस्पताल में रेडिएंट वार्मर से झुलसने के कारण नवजात की मौत हुई थी, जिसके बाद नाराज लोगों ने अस्पताल में जमकर हंगामा भी किया। 

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उक्त घटना में पीड़ित परिवार के सदस्यों द्वारा अस्पताल के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की गई थी। पुलिस ने डॉक्टर व संचालक के खिलाफ मुकदमा संख्या 98/21धारा 304 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया। 

पुलिस द्वारा अस्पताल की जांच में पाया गया कि जीवनदायिनी हॉस्पिटल ने स्वास्थ्य विभाग से नर्सिंग होम के संचालन के लिये किसी तरह की कानूनी अनुमति और लाइसेंस नहीं लिया। बिना वैध लाइसेंस और अनुमति के यह अस्पताल चल रहा था। अस्पताल द्वारा कम पैसों में इलाज और ऑपरेशन का प्रलोभन देकर भोले-भाले लोगों को लूटा जा रहा था।

पुलिस संचालक समेत जिन स्टाफ के सदस्यों को गिरफ्तार किया है, उनमें गोरखपुर निवासी अवधेश कुमार पांडेय, गोरखपुर निवासी संदीप कुमार, महराजगंज निवासी जूनियर डॉक्टर गुलाब मौर्या और संतकबीर नगर निवासी संदीप शामिल है। 

बता दें कि बीते शुक्रवार को बृजमनगंज थाना क्षेत्र के बांगला चौराहा शीला को उसके परिजनों ने फरेंदा के जीवनदायिनी अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया था। प्रसूता शीला ने सुबह 8 बजे बच्चे को जन्म दिया लेकिन अस्पताल ने शाम तक परिजनों को बच्चा नहीं दिया तो वे हंगामा करने लगे। हंगामे के बाद अस्पताल ने शीला और उसके परिवार को मृत बच्चा सौंपा गया, जिसके शरीर पर जलने के निशान थे। जिसके बाद लोगों ने अस्पताल में हंगामा कर पुलिस को मामले की जानकारी दी। मामले की जांच के बाद अस्पताल की सारी काली करतूतें सामने आयी है।










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