बड़ी खबर: महराजगंज जिले का कुख्यात गुंडा और गैंगेस्टर अनिल गुप्ता 6 महीने के लिए हुआ जिला बदर

शिवेन्द्र चतुर्वेदी/राहुल पांडेय

इलाके का मजारिया हिस्ट्रीशीटर, टॉप टेन अपराधी, गैंगेस्टर और निक्कू जायसवाल की हत्या का आरोपी, कुख्यात गुंडा अनिल कुमार गुप्ता पुत्र कोदई पंचायत चुनाव आते ही एक बार फिर जिला प्रशासन के निशाने पर आ गया है। जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरुप अपराधियों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:

गैंगेस्टर हुआ तड़ीपार
गैंगेस्टर हुआ तड़ीपार


महराजगंज: मुख्यमंत्री की मंशा के मुताबिक जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता अपराधियों पर टूट पड़े हैं। पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढ़ंग से सम्पन्न कराने के लिए लगातार निरोधात्मक कार्यवाही अपराधियों के खिलाफ जारी है। बड़े अपराधियों की संपत्ति जब्ती से लेकर असलहे तक के लाइसेंस निरस्त किये जा रहे हैं। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक महराजगंज जिले के बड़े अपराधियों में से एक अनिल कुमार गुप्ता पुत्र कोदई गुप्ता, ग्राम- बेलवा टीकर, थाना- घुघुली पुलिसिया रिकार्ड के अनुसार जिले का छंटा हुआ मनबढ़, कुख्यात गुंडा है। पिछले साल गैंगेस्टर एक्ट लगने के बाद लंबे समय तक यह जिला जेल की हवालात में सलाखों के पीछे सड़ रहा था, फिर जमानत पर बाहर निकल लगातार लोगों को प्रताड़ित व आतंकित कर रहा था। 

लगातार क्षेत्रवासियों से मिल रही शिकायत के बाद एसपी प्रदीप गुप्ता ने घुघुली थानेदार, सीओ सदर और एएसपी से रिपोर्ट तलब की। जिसके बाद कप्तान ने पहले तो इसे टॉप टेन अपराधियों की सूची में शामिल किया फिर इस अपराधी के खिलाफ गुंडा एक्ट ठोंक फाइल जिलाधिकारी के पास भेज दी। 

अपर जिलाधिकारी की कोर्ट में हुई व्यापक सुनवाई, बहस के बाद इस अपराधी को 6 महीने के लिए जिला बदर करने का आदेश सुनाया गया है। इस छह महीने के दौरान यह अपराधी सिद्दार्थनगर जिले की सदर कोतवाली में हर पखवाड़े अपनी हाजिरी दर्ज करायेगा। 

इस अपराधी के तड़ीपार किये जाने की सूचना मिलते ही इसके खास गुर्गों में सांप सूंघ गया है और अधिकांश अपना मोबाइल बंद कर लापता हो गये है। अंदर की खबर यह है कि लखनऊ से यूपी पुलिस की एक इकाई इसके गुर्गों पर निगाह गड़ाये बैठे है। जिनकी मदद से ये गैंग बनाकर वसूली और रंगदारी के कामों को अंजाम देता है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक तड़ीपार किये जाने की सूचना मिलते ही युवा व्यापारी निक्कू जायसवाल के परिजनों और आस-पास के इलाके में खुशी की लहर दौड़ गयी है। इस शातिर अपराधी पर 2012 में अपने साथियों के साथ मिलकर बेरहमी से युवा व्यापारी निक्कू जायसवाल का कत्ल करने का आरोप है। कोठीभार थाने में दर्ज इस मुकदमे में पुलिस ने न्यायालय को चार्जशीट भेज रखी है और अब यह केस अंतिम दौर में ट्रायल पर है, जहां कभी भी फैसला आ सकता है।

एक दर्जन से अधिक गंभीर मुकदमे इस बड़े अपराधी के खिलाफ जिले के तमाम थानों कोतवाली, घुघुली, ठूठीबारी, कोठीभार आदि में दर्ज हैं। इसके बुरे दिन आ गये हैं। जिला प्रशासन ने इसकी संपत्ति जब्ती के आदेश भी जारी कर दिये हैं। 

इतिहास के झरोंखे में देखें तो महराजगंज जिले में तैनात रहे पूर्व के अधिकांश जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने भी इसे अपने निशाने पर ले रखा था और इस पर पहले भी गुंडा एक्ट तामील हो चुका है और यह पहले भी तड़ीपार हो चुका है। 

जिला प्रशासन की कार्यवाही से बचने के लिए इस शातिर ने लोगों को गुमराह करने का भरसक प्रयास किया। कभी नेता को चोला ओढ़ा तो इसने कभी समाजसेवी का तो कभी कोई औऱ। लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए इसने एक दुकान खोल उस पर बैठने का ड्रामा किया तो कभी अपने जाति का संगठन बना उसकी नेतागिरी शुरु की तो कभी इलाके के लोगों को जिला और पुलिस प्रशासन के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया। कभी अभिभावक संघ का नेता बनने का ढ़ोंग रचा तो कभी आऱटीआई कार्यकर्ता बन लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास इसने किया। लेकिन कहते हैं न कि अपराधी कितना ही शातिर क्यों न हो, कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता, वही हाल इसका हुआ। 

स्थानीय लोगों के मुताबिक यह लोगों से अवैध वसूली तो करता ही है साथ ही सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक आदि पर फर्जी छद्म नामों से फर्जी आईडी बनाकर प्रतिष्ठित लोगों के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां भी चोरी-छिपे करता है, ताकि लोग सहमकर इसे रंगदारी देते रहें। अंदर की खबर यह भी है कि इन मामलों में भी इसके खिलाफ यूपी साइबर सेल अपनी जांच कर रहा है और आने वाले दिनों में इस पर तथा इसके साथियों पर शिकंजा कसता दिखेगा। 










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