महराजगंज: पत्रकारों के खिलाफ फर्जी FIR के मामले ने पकड़ा तूल, डाइनामाइट न्यूज के समर्थन में आयी जनता

महराजगंज में जांबाज पत्रकारों के खिलाफ फर्जी एफआईआर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जिले के हजारों लोग डाइनामाइट न्यूज के समर्थन में आगे आये हैं। समाज के विभिन्न वर्ग के प्रतिनिधियों ने खुलकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पूरी खबर:

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 25 May 2020, 7:36 PM IST
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महराजगंज: जिले के कुख्यात गुंडे और गैंगेस्टर को सामाजिक कार्यकर्ता बनाकर देश की राजधानी नई दिल्ली से चलने वाले पांच साल पुराने अंग्रेजी व हिंदी भाषा के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय न्यूज़ पोर्टल डाइनामाइट न्यूज के खिलाफ फर्जी FIR दर्ज कराये जाने के प्रकरण में जनता में भारी रोष व्याप्त हो गया है। जिले का प्रबुद्ध वर्ग डाइनामाइट न्यूज के समर्थन में खुलकर सामने आ गया है और इस मामले में जबरदस्त तरीके से अपनी प्रतिक्रिया दी है। जनता में सबसे ज्यादा हैरानी इस बात को लेकर है कि आखिर पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान और अपर पुलिस अधीक्षक आशुतोष शुक्ला ने कैसे जिले के कुख्यात गुंडे और गैंगेस्टर को बतौर वादी खड़ा कर फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया? 

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जनता अब इन दोनों दोषी अफसरों और कथित वादी बने गैंगेस्टर के गुप्त रिश्तों को लेकर सवाल उठा रही है, साथ ही इस फर्जी एफआईआर के खिलाफ मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की मांग कर रही है। 

बड़ी संख्या में जिले के बुद्धिजीवियों ने सोमवार को कैमरे के सामने आकर अपनी प्रतिक्रिया दी। इसके अलावा हजारों लोगों ने डाइनामाइट न्यूज को विभिन्न माध्यमों से अपना संदेश भेज समर्थन जताया। जनता ने एसपी और एएसपी के खिलाफ जांच के बाद आपराधिक कृत्य का मुकदमा दर्ज करने की मांग मुख्यमंत्री से की है।

एसपी और एएसपी की हुई कृपा: गैंगेस्टर बना सामाजिक कार्यकर्ता

लोगों ने इस फर्जी एफआईआर को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मीडिया और पत्रकारिता पर हमला बताया है। आम जनता का कहना है कि बेलगाम पुलिस की यह कार्रवाई लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। हर सुख-दुख और सामाजिक कार्यों में बतौर मीडिया संस्थान प्रमुख भूमिका निभाने वाले डाइनामाइट न्यूज के समर्थन में लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से चरणबद्ध आंदोलन चलाने की बात भी कही है।

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अपनी प्रतिक्रिया देने वालों में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इनमें आम जनता से लेकर बुद्दिजीवियों, छात्रों, नौजवानों, शिक्षकों, व्यापारियों, अधिवक्ताओं, डाक्टरों, हिन्दू युवा वाहिनी, सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के नेताओं, पत्रकारों, जिला पंचायत सदस्यों, व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों, ग्राम प्रधानों और समाजसेवियों के नाम शामिल हैं।

फर्जी एफआईआर के मामले की जांच की मांग करने वालों में प्रमुख रुप से श्रीराम जायसवाल नगर अध्यक्ष उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल कोल्हुई बाजार; मनोज सिंह ग्राम प्रधान कोल्हुई; श्रीराम सिंह पूर्व जिलाध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ; उपेन्द्र सिंह सामाजिक कार्यकर्ता कोल्हुई; जयप्रकाश सिंह समाजसेवी कोल्हुई; मुकेश उपाध्याय अड्डा बाजार; राजेश पटेल असिस्टेंट प्रोफेसर अड्डा बाजार; नरसिंह पांडेय जिलाध्यक्ष हिंदू युवा वाहिनी जिला पंचायत सदस्य एवं सदस्य जिला योजना समिति; मनीष शर्मा जिला मंत्री हिन्दू युवा वाहिनी; राजन विश्वकर्मा सभासद सिसवा; प्रमोद जायसवाल जिला महामंत्री उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल; अमित सिंह युवा अधिवक्ता सिसवा बाजार; धर्मनाथ खरवार सामाजिक कार्यकर्ता सिसवा बाजार; राघवेंद्र उपाध्याय समाजसेवी सिसवा; राकेश गुप्ता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व समाजसेवी;  डा. कमल उपाध्याय क्षेत्रीय मंत्री प्रधानमंत्री जन कल्याण कार्य प्रचार प्रसार योजना गोरक्षप्रांत; मानवाधिकार कार्यकर्ता अहमद नजीर सिद्दीकी; विनय कुमार पाण्डेय प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता; स्वतंत्र नारायण सिंह पूर्व प्रधान बेलवा टीकर; सैयद अरशद स्कालर्स एकेडमी आनंद नगर के प्रबंध निदेशक एवं वरिष्ठ समाजसेवी; विनोद गुप्ता पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष आनंद नगर; अमित चौबे युवा नेता सपा; शैलेश पांडेय समाजसेवी आदि शामिल हैं। 

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