

एक ऐसा कलाकार जो गरीबी और बेगारी की मार झेल रहा, जिसने छोटी सी पूँजी से 32 वर्ष पूर्व चलता फिरता व्यवसाय शुरू किया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद भी उन्होंने हार न मानी और उसी काम को अपने अद्भुत अंदाज़ से शुरू किया और अपनी गरीबी और भुखमरी दूर की साथ ही लोगों का खूब दिल जीता। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लुसिव..
महराजगंज: सदर थानाक्षेत्र ग्राम पकड़ी सिसवाँ के रहने वाले विजयी प्रजापति को देख कर वह सारी यादें ताजा हो जाती हैं जब बचपन में हम सभी स्कूलों में पढ़ा करते थे। लंच होते ही स्कूल के दुकानों से मिठाईयां खरीदकर कर खाते थे, वह मिठाईयां ब्रांडेड तो नहीं होती थी लेकिन उनमें वह स्वाद था जो आजकल के महंगी ब्रांडेड मिठाइयों में नहीं मिलती।
यह भी पढ़ें: महराजगंज: नरायनपुर में बह रही है विकास की गंगा.. लागू की गईं सात परियोजाएं
विजय प्रजापति एक बहुत ही गरीब परिवार से हैं। उन्होंने एक छोटा चलता फिरता व्यवसाय शुरू किया। शुरुआती दौर में इन्हें बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा। व्यवसाय को नई रूपरेखा देने के लिए प्रचार का माध्यम उन्होंने खुद ही तैयार किया जिसका शीर्षक है यह "वाह रे.....वाह रे... बम्बई बम्बई ! कैसी जम गई"
यह भी पढ़ें: महराजगंज: जेई के आदेश पर काटी गई गांव की बिजली.. ग्रामीणों ने JE के खिलाफ खोला मोर्चा
इस प्रचार माध्यम से बच्चे बुढ़े जवान सभी बहुत आकर्षित होते थे और इनके पास आकर उनकी खुद की बनाई हुई मीठे से फूल का माला,हाथी, घोड़े, बिच्छू, छिपकली, साइकिल, आदि इसी मीठे से तैयार करके खरीदा करते हैं। विजयी प्रजापति आसपास के क्षेत्रों में बांस वाले काका के नाम से बहुत प्रसिद्ध है। अपने इस व्यवसाय से यह करीब 7 लोगों का पालन पोषण भी करते हैं।
No related posts found.