मप्र : मालवा-निमाड़ अंचल में बाढ़ जैसे हालात, करीब 8700 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
मध्य प्रदेश के मालवा और निमाड़ अंचल के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होने के बाद 8,700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
भोपाल: मध्य प्रदेश के मालवा और निमाड़ अंचल के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होने के बाद 8,700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘इंदौर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी एवं बुरहानपुर जिला जिलों में अतिवृष्टि से उत्पन्न जल भराव की परिस्थितियों में एसडीआरएफ द्वारा 89 बचाव कार्य संचालित कर 8,718 नागरिकों और 2,637 पशुधन बचाकर कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।’’
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत बचाव कार्य के लिए कुल 610 जवान और होमगार्ड के 801 जवानों की तैनाती की गई है।
वहीं, थांदला अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) तरूण जैन ने बताया कि प्रदेश के झाबुआ जिले के ग्राम बहादुर पाडा में शनिवार की रात तेज बारिश के दौरान एक तालाब का तटबंध टूटने से आठ लोग बह गए, जिनमें से दो शव बरामद कर लिए गये हैं और बाकी तीन महिलाओं एवं तीन बच्चों की तलाश जारी है।
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि राज्य में भारी बारिश के बीच बाढ़ राहत कार्यों के लिए अगर जरूरत पड़ी, तो सेना और वायुसेना की भी मदद ली जाएगी।
चौहान ने शनिवार देर रात 1.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों के साथ हुई बैठक में अत्यधिक वर्षा से प्रभावित जिलों की स्थिति का जायजा लिया और राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।
चौहान ने बताया कि खरगोन, खंडवा, बड़वानी, धार और अलीराजपुर में लोगों को सतर्क किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। अगर जरूरत पड़ी तो सेना और वायुसेना की भी मदद ली जाएगी। वर्तमान स्थिति में इसकी जरूरत महसूस नहीं हो रही है।’’
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चौहान ने कहा कि संबंधित जिलाधिकारीयों ने आपदा दलों को प्रभावित क्षेत्रों में दायित्व सौंपा है। जहां जल भराव की स्थिति देखी जा रही वहां नागरिकों को ऊंचाई वाले स्थान पर ठहराया गया है। जिलों में अति वर्षा प्रभावित लोगों के भोजन और रहने की समुचित व्यवस्था की गई है।