लखनऊ के पुलिस आयुक्त और आठ पुलिसकर्मियों के बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने किया तलब, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

लखनऊ की एक विशेष अदालत ने धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किशोर की पहचान कथित रूप से सार्वजनिक करने के मामले में लखनऊ के पुलिस आयुक्त और आठ अन्य पुलिसकर्मियों को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है।

पुलिस आयुक्त समेत 8 पुलिसकर्मी तलब
पुलिस आयुक्त समेत 8 पुलिसकर्मी तलब


लखनऊ: लखनऊ की एक विशेष अदालत ने धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किशोर की पहचान कथित रूप से सार्वजनिक करने के मामले में लखनऊ के पुलिस आयुक्त और आठ अन्य पुलिसकर्मियों को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अदालत ने इन पुलिसकर्मियों को चार अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया है।

न्यायाधीश विजेंद्र त्रिपाठी ने मंगलवार को किशोर न्याय बोर्ड के पेशकार सुनील कुमार की याचिका पर यह आदेश पारित किया।

सुनील कुमार ने बोर्ड के निर्देश पर शिकायत दर्ज की थी। पुलिस कर्मियों ने लखनऊ पुलिस आयुक्त के फेसबुक पेज पर किशोर की पहचान कथित तौर पर उजागर कर दी थी।

यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) के मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत को बताया गया कि आरोपी को पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में पकड़ा था और उसे अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी के नाबालिग होने के मद्देनजर मामले को किशोर न्याय बोर्ड में स्थानांतरित कर दिया।

कुमार ने अदालत से कहा कि आरोपी के नाबालिग होने के बावजूद पिछली सात और आठ फरवरी को लखनऊ पुलिस आयुक्त के फेसबुक पेज पर उसकी पहचान उजागर की गई, जिसके आधार पर कई समाचार पत्रों और समाचार चैनल ने खबर दी। पुलिस का यह कदम ‘‘पूरी तरह से गैरकानूनी’’ और किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ था।










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