यूपी एसटीएफ ने किया ऑनलाइन लॉटरी रैकेट का पर्दाफाश, सरगना समेत 17 गिरफ्तार

यूपी एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश के निर्देशों पर उनकी टीम द्वारा अपराधियों को बेनकाब करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इसी क्रम में यूपी एसटीएफ को फिर एक बड़ी सफलता तब मिली जब उसने इलाहाबाद से ऑनलाइन लॉटरी रैकेट संचालित करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया। यह गिरोह कई लोगों से लाखों रूपये की लूट चुका है।

Updated : 21 January 2018, 12:18 PM IST
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लखनऊ: यूपी एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश के निर्देशों पर उनकी टीम ने इलाहाबाद से ऑनलाइन लॉटरी रैकेट संचालित करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया। यह गिरोह कई लोगों से लाखों रूपये की लूट चुका है। एसटीएफ ने इस मामले में  गिरोह के सरगना समेत 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पूछताछ में एसटीएफ को कई अहम जानकारियां मिली हैं। यह गिरोह अब तक कई लोगों से लाखों रूपये लूट चुका है। एसटीएफ को इस गिरोह में कई और लोगों के शामिल होने की आशंका है।

गिरोह सरगना ने अर्जित की करोड़ों रुपए की संपत्ति

मामले की जानकारी देते हुए यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने बताया कि यह अवैध काम लंबे समय से संचालित किया जा रहा था और कुछ ही समय में गिरोह सरगना ने गिरोह के माध्यम से करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित कर ली थी। बीते 17 जनवरी को बृजेश यादव नाम के शख्स ने नोएडा के साइबर क्राइम थाने में एक FIR दर्ज कराई थी। जिसमें उसने क्विज गेम के लाइसेंस के नाम पर 2 लाख रूपयों की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। एसटीएफ की टीम ने जब मामले की खोजबीन शुरू की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। जांच के दौरान एसटीएफ को पता चला कि इस गिरोह के तार यूपी के कई जिलों नोएडा, लखनऊ, आगरा, सुल्तानपुर, इलाहाबाद  समेत उत्तराखंड के हल्द्वानी, हरिद्वार और मध्यप्रदेश के भोपाल जैसे जिलों में भी फैले हुए थे।

गिरफ्तार किए गए आरोपी

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में लखनऊ निवासी, आकाश जायसवाल, इलाहाबाद निवासी, गिरोह सरगना संजय जायसवाल, रमन खुराना, मनु कुशवाहा, निमित्त भंडारी, कल्लू,के शव शर्मा, सनी उस्मानी,ज्ञा न सिंह, राकेश कुमार, सुमित, चंद्रशेखर अखिल, बिरजू, सुरेश वर्मा, विशाल सैनी, नरेंद्र पाल आदि को आगरा व अन्य जगहों से गिरफ्तार किया गया है।

लकी ड्रॉ के नाम पर फर्जीवाड़ा

बाद में जांच के दौरान जब एसटीएफ सर्विलांस के माध्यम से मुख्य सरगना संजय जायसवाल तक पहुंची। जिसे यूपी के इलाहाबाद से गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ के मुताबिक यह गैंग वीडियो गेम के लाइसेंस की आड़ में फर्जी तरीके से ऑनलाइन लॉटरी की खरीद-फरोख्त करता था। जिसका सर्वर सुल्तानपुर में था। वही पूरी वारदात फर्जी नाम पते पर वेबसाइट बनाकर बड़े शातिर तरीके से अंजाम दी जाती थी और बकायदा रोजाना सुबह 9:00 से शाम 7:00 तक 10 घंटे में 10 लकी ड्रॉ निकाले जाते थे। ड्रा का रिजल्ट सिल्वर गोल्ड और डायमंड केटेगरी में बैठकर www.vjackpot.co.in और lakshyaindia.in पर अपलोड कर दिया जाता था। परिणाम उन्हीं नम्बरों पर घोषित होता था, जिस पर सबसे कम दाम लगा होता था।

सिल्वर, गोल्ड और डायमंड वर्ग के इनाम

एसटीएफ ने बताया की सिल्वर में ₹12 लगाने पर सौ रूपये मिलते, गोल्ड में ₹55 लगाने पर ₹500 और डायमंड में ₹110 लगाने पर ₹1000 जीतने वाले को मिलते थे। पूरी जानकारी एक्सेल शीट पर सुरक्षित रखी रहती थी और एप्लीकेशन के जरिए नतीजे को देख लिया जाता था।

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