योगी सरकार का सख्त निर्णय, तीन चर्चित आईपीएस अफसरों को जबरन किया गया रिटायर, चर्चाओं का बाजर गर्म

डीएन संवाददाता

उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ समय-समय पर मोर्चा खोलने वाले यूपी कॉडर के चर्चित अफसर अमिताभ ठाकुर समेत तीन आईपीएस अफसरों के लिये राज्य सरकार ने जबरन रिटायरमेंट का फरमान जारी कर दिया है। पढिये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आईपीएस की भी छुट्टी
सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आईपीएस की भी छुट्टी


लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ समय-समय पर मोर्चा खोलने वाले यूपी कॉडर के चर्चित आईपीएस समेत तीन अफसरों को योगी सरकार ने आखिरकार बाहर का रास्ता दिखा दिया है। राज्य सरकार द्वारा इन तीन आईपीएस अफसरों के लिये जबरन रिटायरमेंट का फरमान जारी कर दिया गया है। यूपी की योगी सरकार ने 1992 बैच के यूपी कॉडर के चर्चित आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को तात्कालिक प्रभाव से अनिवार्य सेवानिवृति दे दी है।

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यूपी में इस समय आईजी रूल्स एंड मैन्युअल के पद पर कार्यरत आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के अलावा राजेश कृष्ण और राकेश शंकर को भी अनिवार्य सेवानिवृति दी गई है।

मूल रूप से यूपी के प्रयागराज जनपद के रहने वाले राकेश शंकर को वर्ष 2002 में आईपीएस के रूप में प्रोन्नति मिली थी। वे इस समय राजधानी लखनऊ में डीजीपी मुख्यालय में डीआईजी के पद तैनात हैं। 

राजेश कृष्ण भी यूपी के प्रयागराज जनपद के रहने वाले है और उन्हें भी वर्ष 2002 में आईपीएस के रूप में प्रोन्नति मिली थी। राजेश कृष्ण भी इस समय राजधानी लखनऊ में डीजीपी मुख्यालय में डीआईजी के पद तैनात हैं। 

आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर काफी चर्चाओं में रहे हैं। उन्होंने पूर्व सीएम मुलायम सिंह के खिलाफ लखनऊ में केस भी दर्ज किया था। सरकार द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश पर अमिताभ ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। ठाकुर ने सरकार के इस फरमान के बाद लगातार दो ट्विट भी किये।अमिताभ ठाकुर ने लिखा कि मुझे अभी-अभी वीआरएस (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ। सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिये। जय हिन्द।

दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा "अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाये रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तात्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत किये जाने का निर्णय लिया गया है।"










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