यूपी के इस चर्चित IPS अफसर को जबरन रिटायरमेंट का आदेश, पूर्व CM के खिलाफ किया था केस
उत्तर प्रदेश के चर्चित आईपीएस अफसर को सरकार ने तात्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पहले सी सेवानिवृत लेने का आदेश दे दिया है। डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट में पढिये पूरा मामला
लखनऊ: योगी सरकार के खिलाफ बोलना अमिताभ ठाकुर को महंगा पड़ गया है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय की सहमति के बाद योगी सरकार ने 1992 बैच के यूपी कॉडर के चर्चित आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को तात्कालिक प्रभाव से अनिवार्य सेवानिवृति दे दी है। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में आईजी रूल्स एंड मैन्युअल के पद पर कार्यरत आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति मिलने के बाद एक ट्विट भी किया है। जिसमें उन्होंने लिखा कि सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिये। जय हिन्द। अमिताभ ठाकुर के अलावा दो और आईपीएस अफसरों को भी अनिवार्य रिटायरमेंट का आदेश जारी किया गया है।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय की स्क्रीनिंग में उत्तर प्रदेश कॉडर के आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के साथ दो अन्य अफसरों को भी सरकारी सेवा के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया। यानि कुल तीन अफसरों को जबरन वीआरएस लेने का फरमाना सुनाया गया है।
अमिताभ ठाकुर के अलावा राजेश कृष्ण और राकेश शंकर को अनिवार्य सेवानिवृति दी गई है।
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सेवा पूर्ण होने से पहले ही सेवानिवृति का आदेश मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर ने दो ट्वीट भी किये। उन्होंने लिखा कि मुझे अभी-अभी वीआरएस (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ। सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिये। जय हिन्द। दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा "अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाये रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तात्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत किये जाने का निर्णय लिया गया है।"
मुझे अभी-अभी VRS (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ. सरकार को अब मेरी सेवाएँ नहीं चाहिये. जय हिन्द !
— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) March 23, 2021
आईपीएस अमिताभ ठाकुर लगातार योगी सरकार के खिलाफ हमलावर थे। उन्होंने पांच साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह का एक फोन रिकार्ड कर सार्वजनिक कर दिया था और उनके खिलाफ लखनऊ में केस भी दर्ज करवाया था। ठाकुर अपने कार्यकाल में काफी चर्चाओं में रहे हैं।