DN Exclusive: शादी समारोहों में लाउडस्पीकर की परमिशन बना जी का जंजाल

जय प्रकाश पाठक

उत्तर प्रदेश में शादी-ब्याह में बिना प्रशासनिक लिखित अनुमति के कोई बैंड-बाजा नही बजा सकता.. इससे घरातियों, बारातियों और डीजे संचालकों को जबरदस्त परेशानी हो रही है.. पढ़ें, डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट



लखनऊ: बीते दिनों यूपी में अवैध लाउडस्पीकरों पर शिकंजा कसने के लिए प्रशासन की ओर से कई दिशा निर्देश जारी किए गए। जिसमें किसी भी समारोह में यदि DJ या साउंड सिस्टम बजवाना है तो संबंधित जिला प्रशासन और नजदीकी थाने से परमिशन लेना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार के इस नियम से यहां शादी-विवाह या किसी खास समारोह के लिये DJ और साउंड सिस्टम की परमिशन को लेकर जनता में खासी हैरानी और परेशानी है। DJ और साउंड सिस्टम का काम करने वाले भी परमिशन को लेकर खासे परेशान हैं, क्योंकि यह उनकी रोजी-रोटी से भी जुड़ा हुआ है।

 

 

प्रशासन के आदेश के कारण DJ संचालकों की परेशानी ज्यादा बढ़ी है। परमिशन के लिये वे कभी इस विभाग तो कभी उस विभाग के धक्के खाने को मजबूर हैं। DJ संचालक काफी हतोत्साहित और ऊहापोह की स्थिति में हैं। उनका यह कहना है कि 1 दिन में कई जगह कार्यक्रम होने की स्थिति में वे शहर के किन-किन हिस्सों में जाकर परमिशन के लिए इंतजार करेंगे। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि कोई ऐसा रास्ता निकाला जाए, जिससे शादी समारोह के मौके पर किसी को भी परमिशन लेने के लिए व्यर्थ की भागदौड़ न करनी पड़े।

DJ वालों को करने पड़ते है प्रोग्राम कैंसिल

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत करते हुए लालबाग के DJ संचालक प्रदीप अवस्थी ने बताया कि परमिशन की व्यवस्था लागू होने के बाद कई प्रोग्राम कैंसिल करने पड़ते हैं, क्योंकि जिला प्रशासन की ओर से समय से परमिशन नहीं मिल पाता। 

बैंड-बाजा संचालकों का कामकाज प्रभावित

दूसरे डीजे संचालक रवि गुप्ता ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि परमिशन के लिए कोई ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे DJ संचालकों को परमिशन मांगने में परेशान न होना पड़े। वहीं एक अन्य बैंड बाजा संचालक हरीश चन्द्रा ने बताया कि परमिशन की नई व्यवस्था लागू होने के बाद सभी DJ और बैंड बाजा संचालकों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उनकी मांग है कि जिस गेस्ट हाउस या लॉन में कार्यक्रम आयोजित होना है, वहां के संचालकों को DJ और बैंड बाजा के लिए परमिशन लेना अनिवार्य कर दिया जाए। जिससे वर-वधू पक्ष या DJ बैंड बाजा संचालकों को परेशान ना होना पड़े।

लखनऊ के DM कौशल राज शर्मा ने कहा..

डाइनामाइट न्यूज़ से बात करते हुए लखनऊ के DM कौशल राज शर्मा ने कहा कि परमिशन की अनिवार्यता लागू होने के बाद वर-वधू पक्ष और DJ बैंड-बाजे संचालकों की समस्याओं को देख कर एक सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है। जिसमें हर दिन एक-एक एसीएम की तैनाती की जाती है। साथ ही वहां पर पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहते हैं, ऐसे में लोगों को तत्काल परमिशन प्रक्रिया पूरी कराकर संबंधित समारोह की परमिशन दे दी जाती है। 

अनुमति लेना नहीं आसान

मगर असल सवाल यह है कि हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी विवाह के मौके पर वर पक्ष बैंड बाजे और DJ की व्यवस्था करता है। मगर यदि वर पक्ष दूसरे जिले का हो तो वह उसको संबंधित जिला प्रशासन से अनुमति लेना आसान नहीं होगा।

तीनों पक्षों में उलझन.. कैसे सुलझे मामले

DJ और बैंड बाजा संचालक भी इस मामले से खुद को दूर रखना चाहते हैं। जबकि जिला प्रशासन का यह कहना है कि वर-वधू पक्ष DJ या बैंड बाजा संचालक गेस्ट हाउस मालिक कोई भी परमिशन ले सकता। परमिशन संबंधित कार्यक्रम की परमिशन भर होनी चाहिए। बड़ा सवाल यह है कि आने वाले समय में तीनों पक्षों में उलझा हुए इस मामले पर जिला सरकार और प्रशासन क्या फैसला करता है।
 










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