Lockdown Alert in UP: यूपी में कोरोना संकट, कानून मंत्री की स्वास्थ्य सचिव को चिट्ठी- लखनऊ में लगाना पड़ सकता है लॉकडाउन

डीएन संवाददाता

उत्तर प्रदेश में कोरोना का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है औऱ हर दिन कोरोना के रिकॉर्ड नये मामले सामने आ रहे है। कोरोना के बढ़ते मामलों से चिंतित यूपी के कानून मंत्री ने स्वास्थ्य सचिव को चिट्ठी लिखी है। पढिये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

कैबिनेट मंत्री ब्रिजेश पाठक ने पत्र में जतायी चिंता (फाइल फोटो)
कैबिनेट मंत्री ब्रिजेश पाठक ने पत्र में जतायी चिंता (फाइल फोटो)


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है और स्थिति विकराल हो रही है। पिछले 24 घंटों में यूपी में कोरोना के रिकार्ड 13,685 नये मामले सामने आये हैं। राज्य में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 81, 576 हो गई है। राजधानी लखनऊ की स्थिति सबसे गंभीर है, जहां कोरोना संक्रमितों की सबसे ज्यादा संख्या है। लखनऊ में सबसे ज्यादा नये मामले सामने आये है।

यह भी पढ़ें: UPPCS 2020 का अंतिम परिणाम जारी, दिल्ली की संचिता टॉपर तो लखनऊ की शिवाक्षी को दूसरा स्थान 

यूपी में बढ़ते कोरोना वायरस को लेकर सरकार की चिंताएं भी बढ़ने लगी है। महामारी के बढ़ते संकट के बीच यूपी के कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक ने एक गंभीर चिट्ठी लिखी है। अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को लिखे पत्र में कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा है कि कोरोना से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है और अगर बिगड़ती व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया तो राजधानी लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।

यह भी पढ़ें: यूपी में भी बढ़ा कोरोना का कहर, सीएम योगी ने जारी किये नये निर्देश, राज्यपाल ने भी बुलाई ऑल पार्टी मीटिंग 

कानून मंत्री बृजेश पाठक का यह भी कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण लोग लगातार मदद के लिए फोन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सुविधा नहीं मिल पा रही हैं और उनकी मदद भी नहीं हो पा रही है। मंत्री ने शिकायत की है कि स्वास्थ्य अधिकारी के दफ्तर में फोन नहीं उठाया जाता है, जिसके कारण ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं।

यह भी पढ़ें: यूपी में कोरोना संक्रमण के नित नये रिकॉर्ड से स्थिति चिंताजनक, जानिये क्या है ताजा स्थिति 

बृजेश पाठक ने लिखा है कि मेरे विधान सभा क्षेत्र में पद्म श्री पुरूस्कार प्राप्त डा. योगश प्रवीण की तबियत खराब हो गई थी। उन्होंने लिखा कि  मैंने खुद मुख्य चिकित्साधिकारी से बात की उनसे तत्काल एंबुलेंस और चिकित्सा मुहैया कराने का अनुरोध किया लेकिन खेद का विषय है कि घंटों तक एंबुलेंस नहीं आयी और चिकित्सा के अभाव में उनका निधन हो गया। 

उन्होंने लिखा है कि प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना की जांच बंद हो गई है, जो बेहद गलत है। शहर में इस वक्त 17 हजार कोविड जांच किटों की ज़रूरत है, लेकिन 10 हज़ार ही मिल रही हैं। कानून मंत्री ने अपनी चिट्ठी में अस्पतालों में बेड्स की संख्या तुरंत बढ़ाये जाने और टेस्टिंग पर भी ज़ोर दिये जाने की अपील की है।  










संबंधित समाचार