Tokyo Olympics: यूपी के लाल ललित को बंपर पुरस्कार से नवाजेगी योगी सरकार, कांस्य पदक के लिये 1 करोड़ का इनाम, जानिये इस खिलाड़ी के बारे में
उत्तर प्रदेश के लाल और हाकी खिलाड़ी के रूप में टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक वाले ललित उपाध्याय को यूपी की योगी सरकार ने 1 करोड़ रूपये का इनाम देने का ऐलान किया है। डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट में जानिये इस युवा खिलाड़ी के बारे में
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लाल और हाकी टीम के खिलाड़ी के रूप में टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक वाले ललित उपाध्याय को यूपी की योगी सरकार ने 1 करोड़ का इनाम देने का ऐलान किया है। इसके अलावा टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले यूपी के खिलाड़ियों को राज्य सरकार 12 लाख रुपये का इनाम देगी। एक करोड़ रूपये का पुरस्कार पाने वाले ललित उपाध्याय राज्य के पहले खिलाड़ी होंगे।
जोरदार स्वागत की तैयारियां
बता दें कि योगी सरकार ने ओलंपिक खेलों की शुरूआत से पहले ही एकल या टीम प्रतिस्पर्धा में भाग लेकर देश के लिये पदक जीतने वाले उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को कई तरह के इनाम की घोषणा की थी। कांस्य पदक जीतने के लिये बंपर पुरस्कार के रूप में एक करोड़ का इनाम देने का ऐलान किया गया था। राज्य सरकार का यह बंपर पुरस्कार हॉकी खिलाड़ी ललित उपाध्याय को दिया जाएगा। यूपी सरकार ललित के स्वागत की जोरदार तैयारियां कर रही है।
भारतीय हॉकी टीम ने गुरुवार को टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। उत्तर प्रदेश में वाराणसी के ललित कुमार उपाध्याय भी इस टीम के सदस्य रहे हैं। उन्हें एक करोड़ दो लाख रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा।
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भारत की जीत में ललित की भूमिका
वाराणसी के फारवर्ड मिडफिल्डर ललित उपाध्याय की इस जीत में अहम भूमिका रही वहीं पीलीभीत के सिमरनजीत सिंह ने दो गाल दागे और तीसरा पैनल्टी र्नर बनाया जिसे साथियों ने गोल में बदल दिया, जिसके बाद भारत को हॉकी में कांस्य पदक मिला।
ललित का मध्यमवर्गीय परिवार
टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली हॉकी टीम के खिलाड़ी ललित उपाध्याय वाराणसी के शिवपुर क्षेत्र के छोटे से गांव भगतापुर के एक अति मध्यम परिवार से आते हैं। ललित के पिता सतीश मिश्रा एक छोटी सी कपड़ों की दुकान चलाते हैं इसी के सहारे उन्होंने बेटे के सपनों को जिंदा रखा। सतीश मिश्रा के दो पुत्र हैं और दो भाइयों में ललित छोटे हैं।
2018 में राष्ट्रीय हॉकी टीम में चयन
ललित का चयन 2018 में राष्ट्रीय हॉकी टीम में हुआ। ललित अब तक 200 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। कॉमनवेल्थ, एशियन और वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भी उन्होंने अपने जौहर दिखाए हैं।
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25 साल बाद वाराणसी की वापसी
ललित के कोच परमानंद मिश्रा कहते हैं कि ललित जुझारू रहा है और वह लक्ष्य से कभी नहीं भटकता, जो ठानता है उसे करके ही मानता है। बताया कि 25 साल बाद वाराणसी से दूसरा प्लेयर भारतीय पुरुष हॉकी टीम में खेला है।
राज्य सरकार ने पहले ही घोषणा की थी कि ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले को छह करोड़, रजत पदक जीतने वाले को चार करोड़ और कांस्य पदक जीतने वाले को दो करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं टीम स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले को तीन करोड़, रजत पदक जीतने वाले को दो करोड़ और कांस्य पदक जीतने वाले राज्य के खिलाड़ी को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।