लखनऊ: मंत्रालय की दखलअंजादी से परेशान हज कमेटी के सदस्य अशरफ ने दिया इस्तीफा

हज कमेटी ऑफ इण्डिया के सदस्य सैयद मुहम्मद मकसूद अशरफ ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में पर उनके कामकाज में दखलअंजादी का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट रिपोर्ट में पढ़ें, इस्तीफे को लेकर क्या बोले अशरफ

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 22 October 2018, 6:25 PM IST
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लखनऊ: हज कमेटी ऑफ इण्डिया के सदस्य सैयद मुहम्मद मकसूद अशरफ ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय पर कमेटी को आजादी से काम नहीं करने देने का आरोप लगाते हुए आज पद से इस्तीफा दे दिया। अशरफ ने यहां प्रेस कान्फ्रेंस में आरोप लगाया कि मंत्रालय हज कमेटी को हाजियों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं देने वाली एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में काम नहीं करने दे रहा है। मंत्रालय कमेटी के कामकाज में लगातार दखलंदाजी करने के साथ-साथ उसके निर्णयों को भी अक्सर पलट देता है। ऐसे हालात में वह इस्तीफा दे रहे हैं।

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हज (फाइल फोटो)

 

अशरफ ने कहा कि हाजियों को ठहराने, उनके भोजन की व्यवस्था करने से लेकर हवाई जहाज के टिकट तक के फैसलों में मंत्रालय का हस्तक्षेप रहता है। अगर हज कमेटी की अब कोई भूमिका नहीं रह गयी है तो बेहतर है कि उसे समाप्त कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि हज यात्रा की विमान सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी वसूला जा रहा है, जबकि इकोनॉमी क्लास के टिकटों पर इस कर की दर केवल पांच प्रतिशत ही निर्धारित है।

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उन्होंने कहा कि इस साल हज कमेटी ने सभी हज यात्रियों को मदीना में मरकजिया (हरम शरीफ के नजदीक) में ठहराने का निर्णय लिया था लेकिन अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने उसे मानने से इनकार कर दिया। नतीजतन ज्यादातर हज यात्रियों को शुल्क चुकाने के बावजूद मरकजिया के दायरे से बाहर रहने को मजबूर होना पड़ा। इसके अलावा उन्हें इस अतिरिक्त चुकाये गये धन की वापसी का भी कोई आश्वासन नहीं मिला है।

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अशरफ ने मक्का में हाजियों को ठहराने के लिये इमारत के चयन की प्रक्रिया और हज यात्रियों को भोजन दिये जाने पर भी मंत्रालय के रुख की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वह मंत्रालय की इस दखलंदाजी के विरोध में इस्तीफा दे रहे हैं। मगर, इसके खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
 

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