UP Police: यूपी में SWAT प्रभारी समेत आठ पुलिस कांस्टेबलों पर हत्या का मुकदमा दर्ज, जानिये पूरा मामला
उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत में मौत के एक मामले में अंबेडकरनगर के SWAT प्रभारी समेत आठ पुलिस कांस्टेबलों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट में पढ़िये पूरा मामला
लखनऊ: यूपी के आजमगढ़ जनपद के एक युवक की पुलिस हिरासत में मौत के मामले को लेकर अंबेडकरनगर के एसपी ने सख्त कार्रवाई की है। मृतक के भाई की तहरीर पर एसपी आलोक प्रियदर्शी ने अंबेडकरनगर के स्वाट प्रभारी समेत पुलिस आठ कांस्टेबलों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। इसके साथ ही सभी आठ पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवक की बेरहमी से पिटाई किए जाने के तथ्य सामने आये है। मौत की असली वजह जानने के लिये विसरा सुरक्षित रखा गया है। हालांकि पुलिस अधिकारी अभी इस मामले में कुछ भी बोलने से संयम साध रहे हैं। एसपी आलोक प्रियदर्शी का कहना है कि प्रकरण की जांच एएसपी संजय राय को सौंपी गई है।
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आजमगढ़ के पवई थाने के हाजीपुर निवासी मृतक युवक जियाउद्दीन के भाई शहाबुद्दीन ने शुक्रवार को स्वाट प्रभारी देवेंद्र पाल सिंह समेत पूरी टीम पर हत्या का आरोप लगाया था। शहाबुद्दीन ने अकबरपुर कोतवाली में इस मामले को लेकर लिखित तहरीर भी दी। जिसके बाद मामला फिर सुर्खियों में आ गया। पुलिस अधिकारियों ने देर रात स्वाट प्रभारी समेत आठ कांस्टेबलों पर हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया।
जिन पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर निलंबन की कार्रवाई की गई हैं, उनमें स्वाट टीम प्रभारी उपनिरीक्षक देवेंद्र पाल सिंह, कांस्टेबल बृजेश कुमार यादव, जितेंद्र गौड़, हरिकेश कुमार, शिवम चौधरी, अमलेश यादव, विधान सिंह, और संतोष तिवारी शामिल हैं। सभी के खिलाफ नगर कोतवाली में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
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घटनाक्रम के मुताबिक जैतपुर थानाक्षेत्र में एक माह पहले प्रदीप कुमार से गोली मारकर लूटपाट की गई थी। इस मामले में पुलिस द्वारा तीन आरोपियों को जेल भेजा गया, जबकि एक आरोपी कमर रशीद की सरगर्मी से तलाश थी। कमर रशीद के कॉल रिकार्ड में उसकी आजमगढ़ के युवक जियाउद्दीन से बातचीत होने के सबूत मिले। स्वाट टीम ने गुरूवार को जियाउद्दीन को उसके घर से उठाया और पूछताछ के लिये जैतपुर थाने लेकर आयी। जियाउद्दीन को यहां से स्वाट टीम द्वारा सम्मनपुर थाना लाया गया। आरोप है कि पुलिस हिरासत में जियाउद्दीन से मारपीट की गई। आरोप मुक्त और रिहाई के लिये उसके परिजनों से लगभग तीन लाख की मांग की गई। पैसे न मिलने पर जियाउद्दीन के साथ थाने में पुलिस द्वारा बर्बरता होती रही।
आरोप है कि पुलिस की पिटाई और बर्बरता से जियाउद्दीन की तबीयत बिगड़ने लगी। जियाउद्दीन परिजनों को भी उसके बीमार होने की सूचना दी गई। इलाज के लिये जिला अस्पताल लाये गये जियाउद्दीन को गुरुवार की देर रात डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जियाउद्दीन के भाई ने पुलिस को लिखित तहरीर देकर आरोपी पुलिस कर्मियों के मारपीट और उसकी हत्या का आरोप लगाया है। मामले की जांच जारी है।