योगी सरकार का कड़ा निर्णय.. राज्य में 32 हजार अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया निरस्त

डीएन ब्यूरो

योगी सरकार ने 2016 में सपा सरकार द्वारा 32022 पदों पर निकाली गई खेलकूद एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें प्रदेश सरकार ने किसलिये लिया यह निर्णय

भर्ती परीक्षा को लेकर प्रदर्शन (फाइल फोटो)
भर्ती परीक्षा को लेकर प्रदर्शन (फाइल फोटो)


लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने 32022 खेलकूद एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। इससे पहले योगी सरकार ने 4 हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती को भी रद्द किया था। बता दें कि अनुदेशकों की इस भर्ती प्रक्रिया को सपा सरकार के राज में निकाला गया था।     

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सपा के कार्यकाल में निकली थी ये भर्तियां

 

अनुदेशकों की भर्ती को रद्द करने को लेकर राज्य सरकार का कहना है कि निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मापंदड के विरपरीत होने के कारण इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द किया जा रहा है। प्रदेश सरकार का कहना है कि आरटीई के नियम के अनुसार जिन उच्च प्राथमिक स्कूलों में 100 से अधिक छात्र है ऐसे स्कूलों में एक अंशकालिक अनुदेशक की नियुक्ति की जा सकती है।       

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छात्रों को पढ़ाता शिक्षक (फाइल फोटो)

 

जबकि 2016 में प्रदेश में सपा की सरकार थी तो तब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से चले सौ से कम छात्र वाले स्कूलों में भी 32022 कार्यानुभव शिक्षा, शारीरिक शिक्षा और खेलकूद अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया था। इसके बाद 2017 में सपा की सरकार गिरने और मार्च में बीजेपी के यूपी की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।      

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भर्ती परीक्षा में बैठे परीक्षार्थी (फाइल फोटो)

 

इस तरह से अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया निरस्त होने से प्रदेश के अभ्यर्थियों में योगी सरकार के प्रति रोष पैद हो गया है। गौरतलब है कि इससे पहले भी प्रदेश में कई अन्य विभागों में निकाली गई भर्तियों को भी निरस्त किया गया था जिसके बाद इन भर्तियों की तैयारी कर रहे युवाओं ने उग्र प्रदर्शन भी किया था।
 










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