जानिए श्वेतपत्र को लेकर क्या बोला सत्ता पक्ष ओर विपक्ष

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस ने सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था की स्थिति पर लाए गए ‘श्वेतपत्र’ को ‘राजनीतिक घोषणापत्र’ करार दिया तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की आस्था भ्रष्टाचार में है और वह आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी


नयी दिल्ली: कांग्रेस ने सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था की स्थिति पर लाए गए ‘श्वेतपत्र’ को ‘राजनीतिक घोषणापत्र’ करार दिया तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की आस्था भ्रष्टाचार में है और वह आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को ‘भारतीय अर्थव्यवस्था और देश के नागरिकों पर इसके प्रभाव पर श्वेतपत्र’ को लोकसभा में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया।

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार इस पर नियम 342 के तहत चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने यह भी कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के 10 साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से हर मानक में बेहतर हैं तथा मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने देश की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक बुनियाद को मजबूत किया था।

उन्होंने सूचना का अधिकार कानून, शिक्षा का अधिकार कानून, खाद्य सुरक्षा कानून और मनरेगा जैसी संप्रग सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया और तंज कसते हुए कहा कि अगर मौजूदा सरकार नोटबंदी को अपनी उपलब्धि बताना चाहती है तो वह इसे उसके विवेक पर छोड़ते हैं।

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पूर्व केंद्रीय मंत्री का कहना था कि अगर संप्रग सरकार के समय की आर्थिक स्थिति पर ‘श्वेत पत्र’ लाना था, तो इसे जुलाई, 2014 में लाया जा सकता था, लेकिन इसे फरवरी, 2024 में लाया गया क्योंकि इसके पीछे राजनीतिक मंशा है।

तिवारी ने आरोप लगाया, ‘‘यह श्वेतपत्र नहीं, राजनीतिक घोषणापत्र है।’’

मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग-2 सरकार में मंत्री रहे तिवारी ने कहा, ‘‘हमने ऐसे मूलभूत सुधार किए जिससे देश की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक नींव मजबूत हुई।’’

चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल खुद को बचाने की लड़ाई के लिए एकजुट हुए हैं।

दुबे ने कहा कि सम्पूर्ण विपक्ष एक साथ दिख रहा है, इसकी मुख्य वजह उनका भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा होना है, जिसका जिक्र इस श्वेतपत्र में किया गया है।

दुबे ने कहा कि इन लोगों ने (संपूर्ण विपक्ष ने) भ्रष्टाचार को लेकर अस्तित्व पर आए संकट से बचने के लिए यह रास्ता चुना है।

उन्होंने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में तेल बॉण्ड के तौर पर एक लाख 10 हजार करोड़ रुपये का कर्ज अगली पीढ़ी पर लादने से लेकर एंट्रिक्स देवास, अगस्ता वेस्टलैंड, आदर्श सोसाइटी, आईएनएक्स मीडिया, शारदा चिटफंड संबंधी घोटालों का भी उल्लेख किया।










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