भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15-16 जून को हुई झड़प पर आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चीन को जवाब देने की अपील की है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा है कि लद्दाख सीमा विवाद में शहीद हुए जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।
पीएम मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि आज हम इतिहास के नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के निर्णय और कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करें।
भारत और चीन का झंडा
चीन ने अप्रैल, 2020 से लेकर आज तक भारतीय सीमा में गलवान वैली और पांगोंग त्सो लेक में अनेकों बार जबरन घुसपैठ की है। हम न तो उनकी धमकियों और दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे।
लद्दाख सीमा पर चीनी और भारतीय सेना
सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने और स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें।
चीन विवाद पर सर्वदलीय बैठक करते हुए पीएम मोदी
हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति और मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता।
शहीद कर्नल बी. संतोष बाबू
हम प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि कर्नल बी. संतोष बाबू और हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें।
शहीदों की अंतिम यात्रा
जिन्होंने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ और ‘भूभागीय अखंडता’ के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
चीन के राष्ट्रपति और सामान का बहिष्कार करते भारतीय
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट और संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना चाहिए।
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