Dussehra 2019: जानें रावण की उन इच्छाओं के बारे में जो हमेशा के लिए रह गईं अधूरी

आज विजयादशमी यानी दशहरे का त्यौहार है। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी के रूप में मनाया जाता है। सारे देश में सूरज ढलने के बाद आतिशबाज़ी के साथ-साथ रावण के पुतले का भी दहन किया जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि रावण अपने जिंदगी में बहुत सारे काम करना चाहता था, पर उसके अंत की वजह से ये इच्छाएं अधूरी रह गई। जानते हैं वो कौन सी इच्छाएं थी जो अधूरी रह गई थी। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 October 2019, 10:36 AM IST
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नई दिल्लीः  पूरे देश में दशहरे का पर्व बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। दशहरा को हम बुराई पर अच्छाई की जीत और अहंकार का वध मानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अंत होने से पहले रावण बहुत सारे काम करना चाहता था। आइए जानते हैं रावण की उन्हीं इच्छाओं के बारे में।

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1. रावण चाहता था कि लोग भगवान राम की बजाय उसकी पूजा करना शुरू दें। पर रावण की ये इच्छा पूरी नहीं हो पाई।

रावण दहन

2.  रावण को सोने की चीजों का बहुत शौक था. वह सोने में सुगंध भरना चाहता था, ताकि सोने की सुगंध के जरिए वो आसानी से कहीं भी मौजूद सोने को पा सके।

3. रावण धरती से स्वर्ग तक की सीढ़ी बनाना चाहता था। वो चाहता था कि उन सीढ़ियों से चढ़कर लोग स्वर्ग चले जाएं। जिसके लिए उसने सीढ़ियां बनानी भी शुरू कर दी थीं। पर उसका वो सपना पूरा होने से पहले ही उसका अंत हो गया।