Dussehra 2019: जानें रावण की उन इच्छाओं के बारे में जो हमेशा के लिए रह गईं अधूरी

डीएन ब्यूरो

आज विजयादशमी यानी दशहरे का त्यौहार है। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी के रूप में मनाया जाता है। सारे देश में सूरज ढलने के बाद आतिशबाज़ी के साथ-साथ रावण के पुतले का भी दहन किया जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि रावण अपने जिंदगी में बहुत सारे काम करना चाहता था, पर उसके अंत की वजह से ये इच्छाएं अधूरी रह गई। जानते हैं वो कौन सी इच्छाएं थी जो अधूरी रह गई थी। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर..

फाइल फोटो
फाइल फोटो


नई दिल्लीः  पूरे देश में दशहरे का पर्व बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। दशहरा को हम बुराई पर अच्छाई की जीत और अहंकार का वध मानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अंत होने से पहले रावण बहुत सारे काम करना चाहता था। आइए जानते हैं रावण की उन्हीं इच्छाओं के बारे में।

यह भी पढ़ें: भारत की इन जगहों पर की जाती है रावण की पूजा, जानें क्या है इसका कारण

यह भी पढ़ें | Dussehra 2019: भारत की इन जगहों पर की जाती है रावण की पूजा, जानें क्या है इसका कारण

1. रावण चाहता था कि लोग भगवान राम की बजाय उसकी पूजा करना शुरू दें। पर रावण की ये इच्छा पूरी नहीं हो पाई।

रावण दहन

2.  रावण को सोने की चीजों का बहुत शौक था. वह सोने में सुगंध भरना चाहता था, ताकि सोने की सुगंध के जरिए वो आसानी से कहीं भी मौजूद सोने को पा सके।

यह भी पढ़ें | महराजगंजः कोल्हुई के स्कूल में रावण का पुतला दहन, धूमधाम से मना दशहरा, जानिये खास बातें

3. रावण धरती से स्वर्ग तक की सीढ़ी बनाना चाहता था। वो चाहता था कि उन सीढ़ियों से चढ़कर लोग स्वर्ग चले जाएं। जिसके लिए उसने सीढ़ियां बनानी भी शुरू कर दी थीं। पर उसका वो सपना पूरा होने से पहले ही उसका अंत हो गया। 










संबंधित समाचार