Karpoori Thakur: जानिये सामाजिक न्याय के पुरोधा कर्पूरी ठाकुर के बारे में, जो बने हैं भारत रत्न

डीएन संवाददाता

बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर की आज 100वीं जन्म जयंती है। केंद्र सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कर्पूरी ठाकुर को सर्वोच्च सम्मान
कर्पूरी ठाकुर को सर्वोच्च सम्मान


नई दिल्लीः बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur)  की आज 100वीं जन्म जयंती है। केंद्र सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न (Bharat Ratna) से सम्मानित किए जाने की घोषणा की है। बता दें कि वह बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे थे।लोकप्रियता के कारण कर्पूरी ठाकुर को 'जननायक' कहा जाता था।

जानिये कर्पूरी ठाकुर के बारे में

साल 1924 में समस्तीपुर जिले के एक गांव में जन्मे कर्पूरी ठाकुर दो बार मुख्यमंत्री रहे थे। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान एक युवा छात्र के रूप में अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। इस आंदोलन की वजह से उन्हें कई महीने जेल में बिताने पड़े थे। साल 1988 में उन्होंने अंतिम सांस ली।

1970 में पहली बार बने CM

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर ने पहली बार 1970 में सत्ता की सर्वोच्च सीट (मुख्यमंत्री) हासिल की, जिसपर वे एक साल से भी कम समय तक आसीन रहे। वहीं, पांच साल बाद जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद वह फिर से मुख्यमंत्री बने। उनके बेटे राम नाथ ठाकुर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से राज्यसभा सांसद हैं।

नीतीश कुमार के कही ये बात

जनता दल यूनाइटेड आज कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने के लिए एक बड़ी रैली आयोजित करने जा रही है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को दिया जाने वाला ये सर्वोच्च सम्मान दलितों व वंचितों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा।










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