खरगे ने किया दावा ,अगर मोदी फिर जीते, तो भारत में आ सकती है तानाशाही

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को दावा किया कि 2024 का लोकसभा चुनाव लोगों के लिए लोकतंत्र को बचाने का आखिरी मौका है, क्योंकि अगर भारतीय जनता पार्टी फिर से जीतती है, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तानाशाही की तरफ बढ़ सकते हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे


भुवनेश्वर: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को दावा किया कि 2024 का लोकसभा चुनाव लोगों के लिए लोकतंत्र को बचाने का आखिरी मौका है, क्योंकि अगर भारतीय जनता पार्टी फिर से जीतती है, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तानाशाही की तरफ बढ़ सकते हैं।

उन्होंने लोगों से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से दूरी बनाने का आग्रह किया और आरोप लगाया कि वे ‘‘जहर के समान’’ हैं।

यह भी पढ़ें: आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने से दिग्विजय ने किया इनकार, जानिए क्या बताई वजह 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार खरगे ने कांग्रेस की सभा में कहा, ‘‘यह भारत में लोकतंत्र को बचाने के लिए लोगों के पास आखिरी मौका होगा। अगर नरेन्द्र मोदी एक और चुनाव जीतते हैं, तो देश में तानाशाही होगी। भाजपा भारत में उसी तरह शासन करेगी जैसे पुतिन रूस में कर रहे हैं।’’

खरगे ने भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार राज्यों और विपक्ष के नेताओं को डरा-धमका कर चल रही है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘नेताओं को नोटिस भेजे जा रहे हैं और ईडी तथा आयकर विभाग राजनीतिक विरोधियों को कुचलने के हथियार बन गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि लोगों को भाजपा और आरएसएस की विचारधाराओं के बारे में पता होना चाहिए।

यह भी पढ़ें: अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव को लेकर पेश किया गठबंधन मॉडल, जानिये सियासी फार्मूला 

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस की विचारधारा का विरोध करने पर नेताओं को अपनी पार्टियां और गठबंधन छोड़ने की धमकी दी जाती है।

खरगे ने दावा किया राहुल गांधी को अक्सर डराने-धमकाने की कोशिश की जाती है, क्योंकि वह भाजपा और आरएसएस का विरोध करते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हालांकि, राहुल गांधी उनके दबाव में नहीं आए और ऐसी ताकतों के खिलाफ लड़ते रहे, जो देश को बांटना चाहते हैं।’’

उन्होंने यह भी कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने का आगामी चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘महागठबंधन से एक व्यक्ति के जाने से हम कमजोर नहीं होंगे। हम भाजपा को हरा देंगे।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी पर ‘‘आदतन झूठ बोलने’’ का आरोप लगाया।

उनके मुताबिक, प्रधानमंत्री ने हर साल दो करोड़ नौकरियां और हर भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रुपये का आश्वासन देकर लोगों को गुमराह किया गया।

पिछले 70 वर्षों के दौरान कांग्रेस की उपलब्धियों पर प्रधानमंत्री मोदी के तंज का जिक्र करते हुए खरगे ने कहा, “आप (मोदी) गुजरात के मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री बन गए, क्योंकि कांग्रेस ने लोकतंत्र और संविधान को ऊंचा रखा था। लेकिन अब आप लोकतंत्र और संविधान की बुनियादी बातों को नष्ट कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान को सही ढंग से लागू कर महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और वंचितों को अधिकार दिया।

ओडिशा की राजनीतिक परिस्थिति का उल्लेख करते हुए खरगे ने दावा किया कि सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) और विपक्षी भाजपा के बीच ‘प्रेम विवाह’ हुआ है।

खरगे ने आरोप लगाया कि दोनों पार्टियां ओडिशा को लूट रही हैं और राज्य के गरीब लोगों पर अत्याचार कर रही हैं।

उन्होंने दावा किया कि जहां भाजपा और बीजद केवल अमीर लोगों के साथ हैं, वहीं कांग्रेस हमेशा गरीबों के साथ खड़ी है।

खरगे ने कहा कि चिटफंड घोटाले में लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई गंवा दी और राज्य में खनन की आड़ में लूट एक नियमित घटना है।

उन्होंने दावा किया कि बीजद और भाजपा एक-दूसरे से मिली हुई हैं, इसलिए अपराधी पकड़े नहीं जाते।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने जीवन का आखिरी कांग्रेस अधिवेशन 1964 में भगवान जगन्नाथ की इस भूमि पर किया था।

खरगे ने कहा, ‘‘पंडित नेहरू जी और बीजू पटनायक जी बहुत अच्छे दोस्त थे। वह (बीजू) नेहरू जी की विचारधारा में विश्वास करते थे। लेकिन आज के पटनायक (नवीन) भाजपा की विचारधारा में विश्वास करते हैं।’’

बीजू पटनायक नवीन पटनायक के पिता और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री थे।

खरगे ने किसी का नाम लिए बगैर पटनायक के करीबी सहयोगी और पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन पर भी निशाना साधा। पांडियन हाल ही में सिविल सेवा छोड़कर सत्तारूढ़ बीजद में शामिल हुए हैं।

खरगे ने कटाक्ष करते हुए सवाल किया, ‘‘क्या मुख्यमंत्री को सलाह देने के लिए ओडिशा से कोई नेता और अधिकारी नहीं मिला था कि सरकार चलाने के लिए किसी को दूसरे राज्य से लाना पड़ा?’’

पांडियन तमिलनाडु के रहने वाले हैं।










संबंधित समाचार