केरल सरकार निपाह के पहले मामले के स्रोत, क्षेत्र की पहचान करने पर काम कर रही

डीएन ब्यूरो

 केरल में निपाह वायरस से प्रभावित पहले व्यक्ति की पहचान करने के बाद राज्य सरकार ने शनिवार को उसके मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर उस स्रोत और स्थान की तलाश शुरू कर दी जहां से वह संक्रमित हुआ था।पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

केरल सरकार निपाह वायरस  के पहले मामले के स्रोत
केरल सरकार निपाह वायरस के पहले मामले के स्रोत


 

कोझिकोड (केरल):  केरल में निपाह वायरस से प्रभावित पहले व्यक्ति की पहचान करने के बाद राज्य सरकार ने शनिवार को उसके मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर उस स्रोत और स्थान की तलाश शुरू कर दी जहां से वह संक्रमित हुआ था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य सरकार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह व्यक्ति कहां और कैसे संक्रमित हुआ। वहीं, केंद्रीय टीम वायरल लोड का पता लगाने के लिए चमगादड़ के नमूने एकत्र कर रही है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि वायरस के प्रकोप से निपटने के राज्य के प्रयासों की केंद्रीय टीम ने सराहना की है। मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार छठे व्यक्ति के संपर्क का पता लगाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसके शुक्रवार को इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।

उन्होंने यह भी कहा कि संक्रमण का कोई नया मामला नहीं आया है और राज्य के लिए राहत की बात यह है कि 94 नमूनों में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। ये उन लोगों के नमूने थे जो उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के संपर्क में थे।

कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में 21 लोग और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संस्थान (आईएमसीएच) में दो बच्चे पृथक-वास में हैं। उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर पर आश्रित नौ साल के लड़के सहित सभी मरीज की हालत स्थिर है।

मंत्री ने कहा कि संक्रमित सभी लोग संक्रमण की पहली लहर में प्रभावित हुए हैं। संक्रमण के ये मामले दो समूहों में आए हैं। एक समूह में उस व्यक्ति के परिवार के दो सदस्य हैं जो पहला मामला था और दूसरा वे व्यक्ति हैं जो अस्पताल में उनके संपर्क में आए थे।

जिस व्यक्ति की पहचान पहले मामले के रूप में की गई, उसकी 30 अगस्त को मृत्यु हो गई और बहुत बाद में पता चला कि वह निपाह से संक्रमित था। व्यक्ति के नौ वर्षीय बेटे और रिश्तेदार समेत दो अन्य लोगों का इलाज किया जा रहा है।

जॉर्ज ने कहा कि निपाह के कारण दूसरी मौत 11 सितंबर को हुई और पीड़ित उसी अस्पताल में उस व्यक्ति के संपर्क में आया था, जो पहला मामला था।

वायरस के खिलाफ एकमात्र संभावित दवा मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के बारे में मंत्री ने कहा कि डॉक्टरों के मुताबिक उपचाराधीन मरीजों को इसकी जरूरत नहीं है।

हालांकि, राज्य ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आयात करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया में तेजी लाने को लेकर केंद्र के सहयोग का अनुरोध किया और इसका आश्वासन दिया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि आगे की रणनीति तय करने के लिए दिन में कोर कमेटी की एक बैठक हुई।

प्रेस वार्ता में जॉर्ज के साथ मौजूद राज्य के पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास ने कहा कि नियंत्रण कक्ष, कॉल सेंटर और कार्यकर्ता लोगों में विश्वास पैदा करने और वायरस के बारे में जागरूकता पैदा करने का उत्कृष्ट काम कर रहे हैं।

कोझिकोड शहर की महापौर बीना फिलिप ने कहा कि उन सभी वार्ड को निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया गया है जहां पहला मामला सामने आया था।

केंद्र ने शुक्रवार को निपाह से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 और खुराक खरीदने का फैसला किया।

केरल स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को कहा था कि उसने संक्रमित रोगियों की संपर्क सूची में कुल 1,080 लोगों की पहचान की है और नमूने एकत्र करना शुरू कर दिया है। विभाग ने पूर्व में कहा था कि संक्रमित व्यक्तियों की उच्च जोखिम वाली संपर्क सूची में शामिल सभी लोगों की जांच की जाएगी।

यह चौथी बार है जब राज्य में वायरल संक्रमण की पुष्टि हुई है। वर्ष 2018 और 2021 में कोझिकोड में तथा 2019 में एर्नाकुलम में इसका पता चला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और आईसीएमआर के अध्ययन में पाया गया है कि सिर्फ कोझिकोड ही नहीं बल्कि पूरा राज्य इस तरह के संक्रमण से ग्रस्त है।

 










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