केरल सभी पुलिस जिलों में ड्रोन से निगरानी करने वाला पहला राज्य बना

डीएन ब्यूरो

सभी पुलिस जिलों में ड्रोन निगरानी प्रणाली स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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तिरुवनंतपुरम: केरल में सभी पुलिस जिलों में ड्रोन निगरानी प्रणाली स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बृहस्पतिवार को आयोजित एक समारोह में सभी पुलिस जिलों को ड्रोन और विशेष रूप से प्रशिक्षित ड्रोन पायलटों को 'ड्रोन पायलट लाइसेंस' वितरित किए।

उन्होंने इस अवसर पर स्वदेश में विकसित ‘एंटी-ड्रोन सॉफ्टवेयर’ भी लॉन्च किया।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पुलिस बल के आधुनिकीकरण में केरल अग्रणी रहा है और चूंकि समाज में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा है, इसलिए ड्रोन रोधी प्रणाली का विकास भी महत्वपूर्ण है।

उन्होंने प्रशिक्षित ड्रोन पायलटों से आग्रह किया कि उन्होंने जो कुछ सीखा है, वह अपने सहयोगियों को भी सिखाएं।

पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) पी प्रकाश ने कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल कानून और व्यवस्था के उद्देश्यों के लिए और आपदा प्रबंधन के दौरान भी किया जाएगा।

आईपीएस अधिकारी प्रकाश केरल पुलिस के ‘साइबरडोम’ के नोडल अधिकारी भी हैं। उन्होंने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा, ''हमारे पुलिस ड्रोन का इस्तेमाल कठिन परिस्थितियों और कभी-कभी दुर्गम इलाकों में किया जाता है। इसलिए पुलिस बल को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।''

उन्होंने बताया कि शुरू में राज्य के सभी 20 पुलिस जिलों को एक-एक ड्रोन दिया गया था। उन्होंने कहा कि केरल राज्य स्तर पर ड्रोन फॉरेंसिक लैब और ड्रोन रोधी प्रणाली विकसित करने वाला, देश का पहला राज्य है।

प्रकाश के मुताबिक, ड्रोन फॉरेंसिक लैब खराब ड्रोन की पहचान कर सकती है और उसका विस्तृत विश्लेषण कर संपूर्ण आंकड़ों को फिर से हासिल कर सकती है।

उन्होंने बताया कि ड्रोन रोधी प्रणाली यानी एंटी-ड्रोन सिस्टम पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले किसी भी ड्रोन की पहचान कर उसे स्थिर और जब्त कर सकता है।

प्रकाश ने कहा, 'यह स्वदेश में विकसित एंटी-ड्रोन सिस्टम है और हमें इस पर गर्व है।'










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