केरल में लेफ्ट का जनाधार बरकरार, एलडीएफ को मिला बहुमत
पांच राज्यों में हुए विधान सभा चुनाव के परिणामों में साफ हो गयी है कि केवल इकलौते केरल में लेफ्ट पार्टियों का जनाधार अब भी जिंदा है। यहां एलडीएफ को बहुमत मिल गया है। पढिये पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: देश के पांच राज्यों में संपन्न हुए विधान सभा चुनाव के परिणामों में साफ हो गया है कि केवल इकलौते राज्य केरल में लेफ्ट पार्टियों का जनाधार अब भी जिंदा है। यहां लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) को बहुमत मिल गया है। कांग्रेस की अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट का सरकार बनाने का सपना इस बार भी यहां पूरा नहीं हो पाएगा।
केरल में कुल 140 सीटें हैं, जहां एलडीएफ को सरकार बनाने के जरूरी बहुमत मिल चुका है। यहां एलडीएफ कुछ सीटों पर जीत के साथ कुल 95 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है। अंतिम परिणाम में कुछ सीटें कम-ज्यादा हो सकती हैं लेकिन एलडीएफ को सरकार बनाने के लिये बहुमत मिल चुका है।
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केरल में यूडीएफ को 41, अन्य को तीन सीटें और भाजपा को 1 सीट मिली है। परिणामों का अंतिम ऐलान होना बाकी है, ऐसे में कुछ सीटों में घटत-बढ़त हो सकती है लेकिन एलडीएफ सरकार बनाने के लिये जरूरी बहुमत और सीटें जीत चुकी हैं।
केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के लिए सरकार बचाने की बड़ी चुनौती मानी जा रही थी। यहां कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के साथ 12 अन्य दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन चुनाव परिणामों से साफ हो गया है कि यहां एलडीएफ जीत हासिल कर रही है।
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एलडीएफ की जीत के साथ ही 77 साल के पिनाराई विजयन लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
लगातार दूसरी बार भी कांग्रेस यहां अपनी सरकार नहीं बना सकी। इस बार भाजपा ने भी 5 छोटी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी।