अपने आशियाने को बचाने के लिए दलित परिवारों ने डीएम से लगाई गुहार..
कानपुर में सोमवार को अपने आशियाने को बचाने के लिए दलित परिवारों ने कलेक्ट्रेट आफिस में गुहार लगाई। पढ़िए क्या है पूरा मामला..
कानपुर: सरकार गरीबों को घर देने की बात कर रही है। सरकार की मुहिम के तहत सबका अपना आवास हो लेकिन कानपुर शहर में इसकी कुछ अलग ही तस्वीर नजर आ रही है। शहर में दलित परिवार अपने आशियाने को बचाने के लिए कलेक्ट्रेट आफिस पहुंचे। वहां उन्होंने अपने घर को बचाने के लिए गुहार लगाई।
यह भी पढ़ें: कानपुर में शराब का ठेका खुलने के विरोध में महिलाओं ने बुलंद की आवाज़
दरअसल, नौबस्ता हंसपुरम बम्बा रोड पर पिछले 25 वर्षों से कच्ची बस्ती में कई गरीब परिवार अपना जीवन यापन कर रहे हैं। वहीं जब उन्हें पता चला कि शासन की तरफ से इन बस्तियों को हटाने आदेश है इसके बाद परिवारों ने कलेक्ट्रेट के खिलाफ मुहिम छेड़ने का निर्णय लिया। इसी बाबत सैकड़ों की संख्या में सभी परिवार के लोग एकत्र होकर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर शासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से शासन को अवगत कराया कि जिससे इन परिवारों को इसके बारे में बताया जाए।
यह भी पढ़ें |
दलित उत्पीड़न से परेशान कार्यकर्ताओं ने सिर मुंडवाकर योगी सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन
यह भी पढ़ें: कानपुर: एसी कोच में यात्रियों के साथ लूटपाट करने वाले 4 शातिर गिरफ्तार
कलेक्ट्रेट के सामने रखी मांग
कलेक्ट्रट आफिस पर पहुंचे धनी राम ने बताया कि ये लोग गरीब, मजदूरों के परिवारों को उजाड़ने का काम कर रहे हैं। ये लोग कहते हैं कि भू-माफियाओं की जमीन खाली कराई जा रही है जबकि यहां 90 प्रतिशत वे गरीब परिवार है जो अंत्योदय कार्ड धारक है।
यह भी पढ़ें: शिवसेना अध्यक्ष पर हुए हमले के हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए शिवसैनिकों ने किया प्रदर्शन
यह भी पढ़ें |
कानपुर में छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने सीएम योगी के काफिले को दिखाए काले झंडे
पहले आवास आवंटित किए जाए
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पहले गरीबों को काशीराम गरीब आवास योजना के तहद आवास आवंटित किए जाएं इसके बाद ही कोई एक्शन लें। तब तक बस्ती न खाली कराए जाएं जब तक आवास आवंटित नहीं हो जाए।