

केंद्र की मोदी सरकार एक तरफ गरीबों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने का दावा कर रही है तो दूसरी ओर 600 में केवल 40 दवा ही जनऔषधि केंद्रों पर उपलब्ध है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट…
जौनपुर: आमतौर पर डॉक्टर जेनेरिक दवाएं लिखते ही नहीं। डॉक्टरों पर आरोप लगते रहे हैं कि वे दवा कंपनियों से कमिशन लेकर महंगी और बाहर की दवाएं लिखते हैं। जौनपुर के जन औषधि केंद्रों पर मात्र 40 से 45 दवा ही उपलब्ध है जिसके कारण मरीजों को मजबूरन होकर बाहर से महंगी दवा खरीदनी पड़ती है।
जौनपुर: जन औषधि केंद्रों पर मात्र 40 से 45 दवा ही उपलब्ध है जिसके कारण मरीजों को मजबूरन होकर बाहर से महंगी दवा खरीदनी पड़ती है pic.twitter.com/ukzfk8SYu2
— डाइनामाइट न्यूज़ (@DNHindi) December 4, 2018
इस मामले में डाइनामाइट न्यूज़ से बात करते हुए दुकानदार संचालक कर्मवीर ने बताया कि यहाँ के डॉक्टर जल्दी जनऔषधि की दवाओं को नहीं लिखते है और कुछ ले भी जाते है तो उनसे दवा को वापस करा देते है।
जौनपुर: कमीशन के चक्कर में डॉक्टर नहीं लिखते दवा, मरीज महंगी दवा खरीदने को हैं मजबूर, वीडियो में देखें जनऔषधि केंद्र का हाल pic.twitter.com/DFQwkptxvZ
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उन्होंने बताया कि अस्पताल के लगभग 30 प्रतिशत डॉक्टर ही जन औषधि की दवा लिखते है। बाकी डॉक्टर बाहर की दवा लिखते है और यह समस्या काफी महीनों से बनी हुई है।
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