Jammu Kashmir: न्याय की मांग को लेकर राजमार्ग पर धरना, जानिये क्या है पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

जम्मू कश्मीर में राजौरी जिले के डांगरी गांव में इस साल जनवरी में एक आतंकवादी हमले में मारे गये सात नागरिकों के परिजनों ने सोमवार को जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

न्याय की मांग करते हुए राजमार्ग पर धरना दिया
न्याय की मांग करते हुए राजमार्ग पर धरना दिया


राजौरी: जम्मू कश्मीर में राजौरी जिले के डांगरी गांव में इस साल जनवरी में एक आतंकवादी हमले में मारे गये सात नागरिकों के परिजनों ने सोमवार को जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्याय की मांग करते हुए डांगरी से सैकड़ों ग्रामीणों ने मार्च निकाला और मुरादपुर के पास राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। इसी स्थान से करीब आधा किलोमीटर दूर आतंकवादी हमला हुआ था।

अधिकारियों ने बताया कि मृतकों के परिजनों ने बिना देर किये हमले में शामिल दोषियों की पहचान और गिरफ्तारी की मांग की।

राजौरी कस्बे से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित डांगरी गांव में गत एक जनवरी को आतंकवादियों ने ग्रामीणों पर गोलियां चला दी थीं। इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गयी थी, वहीं आतंकियों द्वारा मौके पर छोड़े गये इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) में अगले दिन सुबह विस्फोट होने से दो अन्य लोगों की मृत्यु हो गयी।

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इस दोहरे हमले में 14 लोग घायल हो गये।

सेना ने गत छह मई को राजौरी के कांडी इलाके में एक आतंकवाद रोधी अभियान में एक आतंकी को मार गिराया था। कुछ स्थानीय लोगों ने बाद में मारे गये आतंकवादी की पहचान डांगरी में हमला करने वाले आतंकवादियों में से एक के रूप में की थी।

ग्रामीणों ने मारे गये लोगों की तस्वीरें हाथ में लेकर और नारे लगाते हुए सोमवार सुबह करीब नौ बजे राजमार्ग पर धरना दिया और टायर जलाकर मार्ग अवरुद्ध किया।

अधिकारियों के अनुसार मौके पर पहुंचे वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी प्रदर्शनकारियों को मनाने का प्रयास कर रहे हैं।

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जनवरी में हुए हमले में अपने दो बेटों को खो चुकी सरोज बाला को पिछले छह महीने से इंसाफ का इंतजार है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सुनते आ रहे हैं कि मामला लगभग सुलझा लिया गया है, लेकिन हमले में शामिल आतंकवादियों का कोई पता नहीं है। हमले को अंजाम देने में मदद करने वाले आतंकवादियों के हमदर्दों की भी पहचान नहीं हो सकी है।’’

उन्होंने पांच जून को जम्मू में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘मुझे केवल अपने बच्चों के लिए न्याय चाहिए।’’

सरोज के दो बेटे- प्रिंस और दीपक आतंकवादी हमले में मारे गये थे।










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