चंबल की छवि बदलने को बेताब इटावा सफारी पार्क के लिये करना होगा इंतजार

डीएन ब्यूरो

चंबल की छवि बदलने को बेताब इटावा सफारी पार्क का दीदार के लिये दर्शकों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।

फाइल फोटो
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इटावा: चंबल की छवि बदलने को बेताब इटावा सफारी पार्क का दीदार के लिये दर्शकों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। वर्ष 2012 में तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ सफारी पार्क का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। हालाकि पहले यहां लायन सफारी बनाई जानी थी लेकिन बाद में इटावा सफारी पार्क बनाकर इसमें चार सफारियां बनाई गई हैं। क्षेत्रीय लोगों को उम्मीद है कि दुर्लभ वन्यजीव संपदा से भरपूर यह पार्क चंबल की तस्वीर को बदलने के साथ पर्यटन मानचित्र में क्षेत्र को लाने में सहायक होगा।

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यहां दिलचस्प है कि प्रदेश में सरकार बदलने के बाद प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश पासी, पूर्व वन मंत्री दारा सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, इटावा के सांसद और एससीएसटी आयोग के अध्यक्ष डा. रामशंकर कठेरिया, सदर विधायक सरिता भदौरिया, भरथना विधायक सावित्री कठेरिया के साथ ही पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सहित कई नेता सफारी देख इसकी सराहना भी कर चुके हैं। हर बार कहा जाता है कि इसका उद्घाटन जल्द कराया जाएगा लेकिन तारीख तय नहीं हो पा रही है लेकिन इस बार दावा किया गया है कि दो अक्टूबर को सफारी आम जनमानस के लिए खोल दी जायेगी।

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स्थानीय सांसद के दावे पर सवाल उठाते हुये सपा अध्यक्ष गोपाल यादव ने कहा कि सफारी के कुछ अधूरे काम इसके शुभारंभ में बाधक बने हुए हैं। इसके लिए 20 करोड़ रुपए की जरूरत है जिनमें से 18 करोड़ का पुराना भुगतान होना है, जबकि दो करोड़ रुपए का काम पूरा करने के लिए जरूरत है। काम पूरा कराने के निर्देश तो दिए जा रहे हैं लेकिन इसके लिए कोई बजट नहीं दिया गया है। बिना रकम के अधूरे काम पूरे कैसे होंगे और जब तक काम अधूरे हैं तब तक शुभारंभ कैसे होगा।

सपा सरकार ने इसके निर्माण का जिम्मा आवास विकास परिषद को सौंपा था । लायन सफारी के तौर पर इसका निर्माण शुरू कराया । शुरुआती दौर में मात्र 42 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। फिर 67 करोड़ का प्रोजेक्ट हो गया। इसके बाद डियर सफारी, बियर सफारी, एंटीलोप सफ़ारी ओर लैपर्ड सफारी जोड़ काम शुरू कर दिया गया। नई सफारियों का 54 करोड़ का प्रोजेक्ट था। यह काम करीब-करीब पूरा हो गया है, लेकिन इसमें कुछ सड़कें अभी भी अधूरी पड़ी हुई हैं, जिनको पूरा करने के लिए काम चल रहा है। पूर्व वन मंत्री दारा सिंह चौहान का कहना है कि सफारी पार्क इटावा के लोगों लिये रोजगार के अवसर मुहया करायेगा।

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पहले बाहर के पर्यटक इटावा आने को तैयार नहीं थे, लेकिन अब इटावा सफ़ारी पार्क के जरिए यहां की छवि जरूर बदलेगी। मंत्री सुरेश पासी का कहना है कि अखिलेश सरकार मे निर्मित कराए गए इटावा सफारी पार्क वाकई मे बहुत अच्छा लगा अच्छा प्रोजेक्ट है, इससे प्रदेश का गौरव भी बढ़ेगा, गुजरात से यहाँ शेर लाये गए है जिनसे पर्यटक भी बढेगे प्रदेश का रेवेन्यू भी बढ़ेगा,जब पर्यटक आयेगे तो निश्चित है कि सारी व्यवस्थाएं माकूल कर ली जायेगी ।

सफारी पार्क के निदेशक वी.के.सिंह का कहना है कि देश मे ही नही पूरी दुनिया में भी अपने आप मे अनूठा प्रयास है । इटावा सौभाग्यशाली है कि गिर के बाद उत्तर प्रदेश का इटावा एशियाटिक लायन का प्रजनन केंद्र स्थापित हुआ है । शेरो की विलुप्त होती प्रजाति का एक दूसरा आशियाना भी स्थापित करा दिया गया है । इसकी स्थापना में देश के नही दुनिया के अन्य स्थानों के एक्सपर्ट ने भी मदद की है ।

सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि योगी सरकार ने हमारी लाइन सफारी भी रोक दी है । समाजवादियों ने यहां शेर लाकर के छोड़ा था, जिनके बच्चे भी पैदा होना शुरू हो गए हैं । हम लोग इटावा में डकैतों की कहानी सुनते रहे, जो लोग जानते हैं वह कहते हैं कि चंबल था लेकिन कम से कम इटावा में बदलाव दिखाई दे रहा है जो इटावा का परिचय वह विकास से भी हो सकता है और खुशहाली से भी। (वार्ता)
 










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