Parliament Session: संसद में उठा सनातन के खिलाफ टिप्पणी का मुद्दा, स्टालिन की बर्खास्त की मांग, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा पिछले दिनों सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणी का मुद्दा राज्यसभा में उठाते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग उठाई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

संसद का शीतकालीन सत्र जारी
संसद का शीतकालीन सत्र जारी


नयी दिल्ली: तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा पिछले दिनों सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणी का मुद्दा राज्यसभा में उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य ने द्रमुक नेता को राज्य सरकार से बर्खास्त करने व उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग उठाई।

उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान भाजपा सदस्य जी वी एल नरसिम्हा राव ने कहा कि तमिलनाडु के एक मंत्री ने सनातन और हिन्दू धर्म के खिलाफ नफरती भाषण दिया है जबकि उसी सरकार के एक अन्य मंत्री ने कहा है कि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ यानी ‘इंडिया’ गठबंधन के गठन का उद्देश्य ही सनातन धर्म का समाप्त करना है।

राव ने सवाल किया कि क्या इसी प्रकार का ‘भारत विरोधी एजेंडा‘ विपक्षी गठबंधन आगे ले जाना चाहता है।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार के एक मंत्री और उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष के बेटे ने इन टिप्पणियों का समर्थन किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘यही ‘इंडिया’ गठबंधन का एजेंडा है। यह नफरती भाषण की श्रेणी में आते हैं। ऐसी टिप्पणियों के जरिए लोगों में नफरत पैदा करने की कोशिश की गई।’’

राव ने कहा कि वह इसलिए तमिलनाडु सरकार से मांग करते हैं कि वह खुद ही उन मंत्रियों के खिलाफ मामला दर्ज करे, जिन्होंने सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी की है।

उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही इन मंत्रियों को भी राज्य सरकार से बर्खास्त किया जाए क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से जो टिप्पणी की है वह संविधान के तहत ली गई शपथ की अवहेलना है।’’

उन्होंने कहा कि मंत्रियों द्वारा की गई टिप्पणी देश के सामाजिक सौहार्द को तोड़ने का प्रयास है और यदि यह किसी दल राजनीतिक एजेंडा है तो यह ‘बहुत खतरनाक’ है।

राव जब यह मुद्दा उठा रहे थे तो द्रविड़ मुनेत्र कषगम के सदस्यों ने उनका विरोध किया और आरोप लगाया कि भाजपा सदस्य कि वह मंत्री के बयानों को तोड़मरोड़कर पेश रहे हैं।

द्रमुक नेता स्टालिन ने दो सितंबर को तमिलनाडु में आयोजित एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को कई सामाजिक बुराइयों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए इसे समाज से खत्म करने की बात कही थी।










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