क्लिनिकल ट्रायल के क्षेत्र में भारत का दुनिया भर में हो रहा नाम, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
भारत में आगामी वर्षों में वैश्विक नैदानिक परीक्षणों (क्लिनिकल ट्रायल) में पांच गुना तक बढ़ोतरी करने की क्षमता है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
वाशिंगटन: भारत में आगामी वर्षों में वैश्विक नैदानिक परीक्षणों (क्लिनिकल ट्रायल) में पांच गुना तक बढ़ोतरी करने की क्षमता है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बायोफार्मा कंपनियों के पास भारत की समृद्ध विविधता और मजबूत स्वास्थ्य सेवा ढांचे के जरिये नवोन्मेषी इलाज विकसित करने की व्यापक संभावनाएं हैं।
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यूएसए इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स और पीडब्ल्यूसी इंडिया की संयुक्त रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि भारत नैदानिक परीक्षणों के लिए अनुकूल गंतव्य के रूप में उभर रहा है। ‘‘भारत में नैदानिक परीक्षण के अवसर’ शीर्षक वाली रिपोर्ट बोस्टन में बुधवार को आयोजित होने वाले 17वें वार्षिक जैव फार्मा एंड स्वास्थ्य सेवा शिखर बैठक-2023 के वर्चुअल संस्करण में जारी की जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चिकित्सकों और मरीजों के पास तेज पहुंच की वजह से शीर्ष बायोफार्मा कंपनियों के लिए नैदानिक परीक्षण का एक दक्ष माध्यम है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में वैश्विक नैदानिक परीक्षणों को पांच गुना तक बढ़ाने की क्षमता है।
रिपोर्ट कहती है कि भारतीय राज्यों में उच्च रोग प्रसार के साथ आधुनिक चिकित्सा ढांचा है। साथ ही यहां मरीजों की जांच के लिए भी बड़ी संख्या में चिकित्सक उपलब्ध हैं। इन राज्यों में सबसे ज्यादा पहली श्रेणी के शहर हैं। ऐसे में बायोफार्मा कंपनियां नैदानिक परीक्षणों के लिए इन राज्यों को लक्ष्य कर सकती हैं।