जीपीएफ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के आरोपों पर गौर करने का आदेश

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र को आदेश दिया कि वह अपने सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते बंद किए जाने का आरोप लगाने वाले पटना उच्च न्यायालय के सात न्यायाधीशों की शिकायतों पर गौर करे। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र को आदेश दिया कि वह अपने सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते बंद किए जाने का आरोप लगाने वाले पटना उच्च न्यायालय के सात न्यायाधीशों की शिकायतों पर गौर करे।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा, ‘‘हम इस मामले का (अगले सप्ताह) शुक्रवार को निपटारा करेंगे।’’

पीठ ने केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज से मामले को देखने और इस पर निर्देश लेने को कहा तथा याचिका पर आगे की सुनवाई के लिए तीन मार्च की तारीख तय की।

न्यायालय ने 21 फरवरी को पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई थी। उस समय इस मामले का जिक्र किए जाने पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा था, ‘‘क्या? न्यायाधीशों का जीपीएफ खाता बंद हो गया? याचिकाकर्ता कौन है? मामले को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करें।’’

यह याचिका पटना उच्च न्यायालय के सात न्यायाधीशों - न्यायमूर्ति शैलेंद्र सिंह, न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा, न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार, न्यायमूर्ति आलोक कुमार, न्यायमूर्ति सुनील दत्त मिश्रा, न्यायमूर्ति चंद्र प्रकाश सिंह और न्यायमूर्ति चंद्र शेखर झा ने दायर की है।










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