Karnataka: दुनिया से प्रतिस्पर्धा करनी है तो गुणवत्ता बनाए रखना जरूरी
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भारत में आयातित प्लास्टिक की गुणवत्ता जांच में हस्तक्षेप के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भारत में आयातित प्लास्टिक की गुणवत्ता जांच में हस्तक्षेप के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
भारत सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार देश में आयातित प्लास्टिक पर लगाया गया गुणवत्ता नियंत्रण पांच जनवरी, 2024 से प्रभावी हो गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार गुणवत्ता नियंत्रण के लिए इसे एक आवश्यक कदम बताते हुए उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा, ‘‘अगर ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत शुरू से लेकर उत्पाद तैयार होने तक गुणवत्ता ठीक रहती है, तभी देश दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होगा। इस दिशा में किसी भी कदम पर यह अदालत हस्तक्षेप नहीं करेगी...।’’
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‘ऑल इंडिया एचडीपीई/पीपी वोवन फैब्रिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन’ ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की थी जिस पर न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने सुनवाई की।
अदालत ने आठ जनवरी को अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ताओं ने ‘‘संगठन और साठगांठ का विरोध करने के अलावा कोई अन्य दलील नहीं दी है’’।
उच्च न्यायालय ने पहले के कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि अदालत नीतिगत मामलों पर सरकार के सलाहकार की तरह काम नहीं कर सकता।
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अदालत ने कहा, ‘‘अगर ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत बने उत्पाद को ‘‘मेड इन इंडिया’’ टैग के तहत निर्यात करने की मांग की जाती है तो गुणवत्ता अनिवार्यता यह सुनिश्चित करेगी कि अंतिम उत्पाद सभी आवश्यक वैश्विक मानकों को पूरा करे।’’