भारत के महत्वाकांक्षी चंद्रयान-3 मिशन से पहले श्रीहरिकोटा बनेगा इस अनोखे ‘लॉन्च’ का गवाह, पढ़ें पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

भारत के बहुप्रतीक्षित चंद्रमा मिशन के लिए चंद्रयान-3 के अगले सप्ताह रवाना होने से कुछ घंटे पहले श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में ‘रॉकेट लॉन्चपैड’ एक अनोखे ‘लॉन्च’ का गवाह बनेगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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तिरुवनंतपुरम: भारत के बहुप्रतीक्षित चंद्रमा मिशन के लिए चंद्रयान-3 के अगले सप्ताह रवाना होने से कुछ घंटे पहले श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में ‘रॉकेट लॉन्चपैड’ एक अनोखे ‘लॉन्च’ का गवाह बनेगा।

यह किसी रॉकेट का प्रक्षेपण (लॉन्च) नहीं, बल्कि एक किताब का विमोचन (लॉन्च) होगा। सुनने में यह थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन किताब 'प्रिज्म: द एन्सेस्ट्रल एबोड ऑफ रेनबो’ का एसडीएससी-एसएचएआर पर विमोचन किया जाएगा। यह किताब विज्ञान संबंधित लेखों का संग्रह है।

एसडीएससी-एसएचएआर पर ही 13 जुलाई को एलवीएम-III से चंद्रयान-3 को प्रक्षेपित किया जाएगा।

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता एवं लेखक विनोद मनकारा इसके लेखक हैं। किताब 'प्रिज्म: द एन्सेस्ट्रल एबोड ऑफ रेनबो’ पहली किताब है, जिसका विमोचन ‘रॉकेट लॉन्चपैड’ से किया जाएगा।

मनकारा ने भारत के ऐतिहासिक मंगल कक्षीय मिशन ‘‘मंगलयान’’ पर, संस्कृत में, विज्ञान आधारित वृत्तचित्र ‘‘यानम’’ बनाया है।

उन्होंने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ 12 जुलाई को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन नायर को यह पुस्तक सौंपकर इसका विमोचन करेंगे।

कुल 167 पन्नों की इस किताब की प्रस्तावना सोमनाथ ने खुद लिखी है जिसमें उन्होंने कहा कि यह ‘‘विज्ञान के चमत्कारों’’ से भरपूर है।

सोमनाथ ने कहा कि पुस्तक में 50 लेख हैं और उनमें विज्ञान के महत्वपूर्ण विषयों को गहराई से बयां किया गया है। उनके अनुसार, यह किताब विज्ञान के सौंदर्य और काव्यात्मक पहलुओं की खोज है।

इसरो के प्रमुख ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा, ‘‘ किताब में अंतरिक्ष और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अलावा ऐसे कई अन्य विषयों को काव्यात्मक ढंग से बयां किया गया है। जिस बात ने मुझे सबसे अधिक आकर्षित किया, वह है इसकी प्रस्तुति तथा इसकी सुंदर भाषा। ’’

सोमनाथ ने कहा कि यह पुस्तक आम लोगों को विज्ञान के साथ संबंध विकसित करने और इसकी सुंदरता को गहराई से महसूस करने में मदद करेगी।

कई बार राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार जीत चुके मनकारा ने छह फिल्में और 685 वृत्तचित्र बनाए हैं।










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